ऑटो यूनियन ने 25 जुलाई को संगरूर रैली में शामिल होने की घोषणा की।

नवांशहर- आज न्यू ऑटो वर्कर्स यूनियन (इफटू) ने भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के गिरफ्तार नेताओं की रिहाई और पुलिस दमन के खिलाफ भाईचारे के संगठनों के सहयोग से 25 जुलाई को संगरूर में आयोजित राज्य स्तरीय रैली में शामिल होने की घोषणा की है। यूनियन ने यहाँ आयोजित जिला स्तरीय बैठक में यह घोषणा की।

नवांशहर- आज न्यू ऑटो वर्कर्स यूनियन (इफटू) ने भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के गिरफ्तार नेताओं की रिहाई और पुलिस दमन के खिलाफ भाईचारे के संगठनों के सहयोग से 25 जुलाई को संगरूर में आयोजित राज्य स्तरीय रैली में शामिल होने की घोषणा की है। यूनियन ने यहाँ आयोजित जिला स्तरीय बैठक में यह घोषणा की।
इस अवसर पर बोलते हुए इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (इफटू) के प्रदेश अध्यक्ष कुलविंदर सिंह वड़ैच ने कहा कि 20 मई को पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के उकसावे पर पुलिस ने संगरूर जिले में 927 एकड़ बेनामी जमीन पर बेगमपुरा बसाने जा रहे भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था, जिनमें से कई अभी भी जेल में हैं। पुलिस ने समिति के दो नेताओं को बातचीत के बहाने बुलाकर गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने कहा कि मान सरकार पंजाब को पुलिस राज्य बना रही है। आए दिन फर्जी पुलिस मुठभेड़ें हो रही हैं, पुलिस हिरासत में मौतें हो रही हैं। संघर्षशील संगठनों को पुलिस बल से दबाया जा रहा है और यूपी की तर्ज पर बुलडोजर से घरों को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मान सरकार शहीद भगत सिंह और डॉ. बीआर अंबेडकर का गुणगान करते नहीं थकती, लेकिन उनके असली वारिसों को जेल में डाल रही है।
उन्होंने कहा कि मान सरकार का दलित विरोधी चेहरा दिन-प्रतिदिन बेनकाब हो रहा है और इस सरकार द्वारा खड़े किए गए धुएं के पहाड़ संघर्षों की हवा से उड़ रहे हैं। नेताओं ने कहा कि लोगों के संघर्षों को बल से नहीं दबाया जा सकता। उन्होंने कहा कि संगठन संगरूर में एक बड़ा समागम करके पुलिसिया आतंक को तोड़ेंगे। ऑटो यूनियन के जिला अध्यक्ष पुनीत कुमार बछौरी ने कहा कि सरकार ऑटो कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
इसलिए संघर्ष की रूपरेखा तैयार करने के लिए 10 अगस्त को नवांशहर में पंजाब की सभी ऑटो यूनियनों की एक बैठक हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की भाजपा सरकार डीजल वाहनों को 10 साल चलने के बाद और पेट्रोल वाहनों को 15 साल चलने के बाद स्क्रैप घोषित करने की योजना बना रही है, जिसका कड़ा विरोध किया जाना चाहिए क्योंकि पंजाब समेत अन्य राज्य भी यही रास्ता अपनाएँगे। इससे दिल्ली सरकार ऑटो उद्योग को फायदा पहुँचाना चाहती है और लोगों को स्क्रैप करना चाहती है। इस अवसर पर ऑटो यूनियन के नेता देस राज, गोपी, तरनजीत, कुलविंदर सिंह, रेशम हंसरों और भूपिंदर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।