ब्रह्माकुमारीज का रक्तदान महा अभियान दिल्ली से शुरू, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य

चंडीगढ़- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने 17 अगस्त को नई दिल्ली के ओआरसी में यूनिवर्सल ब्रदरहुड रक्तदान अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रक्तदान जैसे मानव सेवा कार्यों में समाज की व्यापक भागीदारी आवश्यक है ताकि रक्त की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और अनगिनत लोगों की जान बचाई जा सके।

चंडीगढ़- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने 17 अगस्त को नई दिल्ली के ओआरसी में यूनिवर्सल ब्रदरहुड रक्तदान अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रक्तदान जैसे मानव सेवा कार्यों में समाज की व्यापक भागीदारी आवश्यक है ताकि रक्त की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और अनगिनत लोगों की जान बचाई जा सके।
यह महा अभियान ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्यतिथि को समर्पित है, जिसे 25 अगस्त को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर भारत और नेपाल में हजारों सेवा केंद्रों पर रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। संस्थान ने इस अभियान के माध्यम से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का संकल्प लिया है।
राष्ट्रीय शुभारंभ के बाद, भारत और नेपाल में रक्तदान शिविर शुरू हो चुके हैं। 22 से 25 अगस्त तक, देश भर में 1500 से अधिक ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्रों पर एक साथ विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे। इस अभियान का लक्ष्य एक लाख यूनिट रक्त एकत्र करना है।
सामाजिक सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके अवतार भाई ने बताया कि यह अभियान भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, जिला रक्त बैंक, रेड क्रॉस सोसाइटी, सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, रोटरी इंटरनेशनल क्लब, लायंस क्लब, आईएसबीटीआई, रक्षा बलों, एनसीसी, एनएसएस, कॉरपोरेट जगत और अन्य स्थानीय संगठनों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। जयपुर के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक श्री मनमोहन अग्रवाल भी इस अभियान में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।
रक्तदान महा अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में रक्त की आवश्यकता को पूरा करना और अधिक से अधिक लोगों को मानव सेवा से जोड़ना है। विशेषज्ञों के अनुसार, रक्तदान एक पूरी तरह सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें स्वस्थ व्यक्ति को कोई खतरा नहीं है। आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए और न्यूनतम वजन 50 किलोग्राम होना चाहिए। मानक हीमोग्लोबिन स्तर पुरुषों में 13 ग्राम/डीएल और महिलाओं में 12.5 ग्राम/डीएल है। पुरुष तीन महीने के अंतराल पर और महिलाएं चार महीने के अंतराल पर रक्तदान कर सकती हैं।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि रक्तदान से शरीर में नई रक्त कोशिकाओं के निर्माण की प्रक्रिया सक्रिय होती है, आयरन का स्तर संतुलित रहता है और हृदय रोग का खतरा कम होता है। एक यूनिट रक्त तीन से चार लोगों की जान बचा सकता है। रक्तदान से पहले मुफ्त स्वास्थ्य जांच से कई गंभीर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। दानकर्ता को आत्म-संतुष्टि और मानसिक शांति मिलती है और यही कारण है कि रक्तदान को जीवन रक्षक कहा जाता है।
अभियान से जुड़े डॉक्टरों ने अपील की कि रक्तदान से पहले दानकर्ता को पौष्टिक भोजन करना चाहिए, पर्याप्त नींद लेनी चाहिए और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। रक्तदान के बाद 10 से 15 मिनट तक आराम करना चाहिए और भारी काम से बचना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि आपात स्थिति में रक्त की उपलब्धता जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर साबित हो सकती है। इसलिए समाज के प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति के लिए नियमित रूप से रक्तदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने सभी से इस अभियान में भाग लेने की अपील की है ताकि एक नया उदाहरण स्थापित किया जा सके और भारत को इस महान मानव सेवा कार्य में अग्रणी बनाया जा सके।