
विधायक डॉ. इशांक ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ किया धरना
होशियारपुर- पंजाब में एक बार फिर पानी के अधिकार को लेकर आवाज उठी है। चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ. इशांक ने सोमवार को नंगल डैम पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के खिलाफ जोरदार धरना दिया। इस धरना का नेतृत्व पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रत्यक्ष प्रेरणा और मार्गदर्शन शामिल है।
होशियारपुर- पंजाब में एक बार फिर पानी के अधिकार को लेकर आवाज उठी है। चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ. इशांक ने सोमवार को नंगल डैम पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के खिलाफ जोरदार धरना दिया। इस धरना का नेतृत्व पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रत्यक्ष प्रेरणा और मार्गदर्शन शामिल है।
धरने में डॉ. इशांक के साथ गुरविंदर सिंह पाबला, संदीप सैनी (बैक फिनको चेयरमैन), हरजीत सिंह (मार्केट कमेटी मुकेरियां चेयरमैन), जसपाल सिंह चेची (मार्केट कमेटी होशियारपुर चेयरमैन), अनीश कुमार और बलविंदर सोनी समेत कई महत्वपूर्ण नेता और पदाधिकारी भी मौजूद रहे। धरने का मुख्य मुद्दा यह है कि पंजाब को उसके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है।
डॉ. इशांक ने कहा कि बीबीएमबी लंबे समय से पंजाब के पानी के अधिकारों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और बीबीएमबी पंजाब के हिस्से का पानी बड़ी मात्रा में दूसरे राज्यों को दे रहे हैं, जिससे पंजाब के किसान और आम लोग प्रभावित हो रहे हैं।
डॉ. इशांक ने कहा, पंजाब के किसान पहले ही मौसम की मार और आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। अगर उन्हें उनके हिस्से का पानी नहीं मिला तो उनके अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान जी के नेतृत्व में हम इस अन्याय को अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह विरोध केवल एक चेतावनी है।
अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो पूरे राज्य में यह संघर्ष तेज किया जाएगा। संदीप सैनी ने कहा, पंजाब के हक का पानी जबरन छीनकर दूसरे राज्यों को देना न केवल संविधान का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारे किसानों की पीठ में छुरा घोंपना भी है। हरजीत सिंह और जसपाल सिंह चेची ने कहा कि यह विरोध पंजाब के किसानों की आवाज है, जिसे अब और दबाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के नेतृत्व में यह संघर्ष अब केवल किसानों का नहीं, बल्कि राज्य के हर नागरिक का बन गया है। प्रदर्शन में शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं के हाथों में तख्तियां और बैनर थे, जिन पर ‘पानी हमारा हक है’, ‘बीबीएमबी होश में आओ’ और ‘हमारा हक का पानी वापस दो’ जैसे नारे लिखे थे।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन लोगों का जोश और जोश दोनों ही बुलंद रहे। डॉ. इशांक और उनके साथियों ने साफ किया कि जब तक पंजाब को उसका हक नहीं मिल जाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा और मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा।
