पूर्व पदाधिकारी हरीश चौधरी ने गाड़ी पर ‘प्रदेश प्रभारी’ की प्लेट लगाकर रोब जमाया, भाजपा की छवि पर भी उठ रहे सवाल

हरियाणा/हिसार: भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ की भंग हो चुकी कार्यकारिणी के एक पूर्व पदाधिकारी श्री हरीश चौधरी पर नियमों की खुली अवहेलना और संगठन की छवि धूमिल करने का आरोप लगा है। मामला और भी गंभीर तब हो गया जब उन्होंने अपनी निजी गाड़ी पर नंबर प्लेट के ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में “प्रदेश प्रभारी, सोशल मीडिया, भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ” लिखी प्लेट लगा रखी है।

हरियाणा/हिसार: भारतीय जनता पार्टी के सहकारिता प्रकोष्ठ की भंग हो चुकी कार्यकारिणी के एक पूर्व पदाधिकारी श्री हरीश चौधरी पर नियमों की खुली अवहेलना और संगठन की छवि धूमिल करने का आरोप लगा है। मामला और भी गंभीर तब हो गया जब उन्होंने अपनी निजी गाड़ी पर नंबर प्लेट के ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में “प्रदेश प्रभारी, सोशल मीडिया, भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ” लिखी प्लेट लगा रखी है। 
सूत्रों के हवाले से ज्ञात हुआ कि ये कार्यकारिणी अब अस्तित्व में नहीं है और जल्द नई कार्यकारिणी बनेगी। ऐसे में पूर्व पदनाम का इस्तेमाल कर न सिर्फ़ लोगों को गुमराह किया जा रहा है, बल्कि भाजपा जैसे अनुशासित संगठन की साख पर भी सीधा प्रहार हो रहा है। 
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के कार्यक्रमों में बार-बार यह निर्देश दिए जाते हैं कि पदाधिकारी अपने विज़िटिंग कार्ड पर भी नाम के साथ पद न छापें, ताकि संगठन के नाम का दुरुपयोग न हो। ऐसे में गाड़ी पर बड़े-बड़े अक्षरों में पदनाम लिखकर सार्वजनिक रूप से रोब जमाना तो पूरी तरह नियमों और नैतिक मर्यादाओं का घोर उल्लंघन है।
भाजपा कार्यकर्ताओं में भी इस मामले को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि ऐसे कृत्य से आम जनता में गलत संदेश जाता है कि पूर्व पदाधिकारी अब भी अधिकारिक पद पर हैं, जबकि सच्चाई यह नहीं है। यह न सिर्फ़ सत्ता और पद के दुरुपयोग का उदाहरण है, बल्कि जनता और प्रशासन को भ्रमित करने का तरीका भी है। 
राजनीतिक हलकों का कहना है कि इस तरह के मामलों पर भाजपा को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूर्व पदाधिकारी संगठन के नाम का दुरुपयोग कर निजी छवि चमकाने और दबदबा बनाने की कोशिश न कर सकें। 
यह मामला भारतीय जनता पार्टी जैसे सख़्त अनुशासन वाले संगठन की कार्यसंस्कृति पर भी सवाल उठाता है। अगर विज़िटिंग कार्ड पर भी पदनाम छापने की मनाही है, तो गाड़ी पर पदनाम लिखकर खुलेआम शक्ति प्रदर्शन संगठन के सिद्धांतों और मूल्यों की सीधी अवहेलना है। 
आम जनता का स्पष्ट मत है कि इस तरह के दुरुपयोग पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी पदाधिकारी या पूर्व पदाधिकारी संगठन की साख के साथ खिलवाड़ न कर सके। भाजपा नेतृत्व को चाहिए कि ऐसे मामलों को हल्के में न लेकर तत्काल कार्रवाई करे, जिससे संगठन की गरिमा और जनता का भरोसा दोनों बरकरार रह सकें।