
पंजाब सरकार की आटा-दाल योजना से ज़िले के 20 प्रतिशत लोग अभी भी वंचित
नवांशहर, 21 जुलाई- बादल सरकार द्वारा 15 अगस्त, 2007 को शुरू की गई आटा-दाल योजना के पात्र लाभार्थी अभी भी लाभ उठा रहे हैं, लेकिन तब से पंजाब सरकार इस योजना का समुचित विस्तार नहीं कर पाई है। अभी तक अधिकांश पात्र लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित हैं और सरकारी अधिकारियों के सामने कतारों में लगने को मजबूर हैं, क्योंकि वेबसाइटें बंद हैं।
नवांशहर, 21 जुलाई- बादल सरकार द्वारा 15 अगस्त, 2007 को शुरू की गई आटा-दाल योजना के पात्र लाभार्थी अभी भी लाभ उठा रहे हैं, लेकिन तब से पंजाब सरकार इस योजना का समुचित विस्तार नहीं कर पाई है। अभी तक अधिकांश पात्र लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित हैं और सरकारी अधिकारियों के सामने कतारों में लगने को मजबूर हैं, क्योंकि वेबसाइटें बंद हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त 2007 को राज्य से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर पंजाब के दिवंगत मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल ने जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आटा-दाल योजना शुरू की थी, ताकि कोई भी पंजाबी निवासी, चाहे वह कितनी भी रोटी प्राप्त करने में सक्षम हो, भूखा न सोए। उस समय 4 रुपये प्रति किलो आटा और 20 रुपये प्रति किलो दाल दी जा रही थी।
जबकि वर्ष 2013 में केंद्र सरकार ने अपना पत्ता साफ करते हुए इस योजना का नाम बदलकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 कर दिया और लोगों को रोजगार की रोटी मिलती रही। वर्ष 2022 में जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, तो उन्होंने आते ही रिकॉर्ड बनाने के नाम पर कटौती शुरू कर दी।
जांच शुरू होते ही शहीद भगत सिंह नगर जिले के 4 से 5 हजार पात्र और अपात्र लाभार्थियों के नाम सरकारी सूचियों से हटाकर विकल्प के तौर पर गुमनाम कर दिए गए। लोकसभा चुनावों में जब सरकार को गुप्त रिपोर्ट मिली कि ये जरूरतमंद लोग चुनाव जीतकर चुनाव लड़ सकते हैं, तो सरकार द्वारा जिन लाभार्थियों के नाम काटे गए थे, उन सभी के नाम बहाल कर दिए गए और वे सभी लोग आज भी पंजाब सरकार की इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सरकार ने लोगों को केवाईसी पूरी करने के आदेश जारी किए थे, जिसमें अब तक शहीद भगत सिंह नगर जिले के 89480 लोगों ने केवाईसी पूरी कर ली थी, जबकि जनवरी 2025 में इन लाभार्थियों की संख्या 90521 थी। इसके अनुसार, 1041 लोगों को अभी केवाईसी पूरी करनी है। अगर सरकारी अधिकारियों पर गौर करें, तो अब तक 82 प्रतिशत केवाईसी पूरी हो चुकी है। पूरी हो चुकी है और 18 प्रतिशत में कुछ बच्चे और बुजुर्ग लोग शामिल हैं, जिनकी केवाईसी होनी बाकी है।
इन बचे हुए लोगों को पंजाब सरकार की इस योजना का लाभ कब मिलेगा, यह कहा जा सकता है कि पिछले दिनों विभाग के भरसक प्रयासों के बावजूद 82 प्रतिशत केवाईसी पूरी हो पाई थी। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि वर्तमान में शहीद भगत सिंह नगर ज़िले की नवांशहर तहसील में 15617, बंगा तहसील में 12622, बलाचौर तहसील में 10226 और राहों में 6223 लाभार्थी शामिल हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में 18 प्रतिशत लोगों में से कितने लोग जागेंगे, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।
क्या कहते हैं चेयरमैन व विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी-
इस संबंध में जब पंजाब सरकार के चेयरमैन विधायक डॉ. सुखविंदर कुमार सुखी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि ज़िले का कोई भी ज़रूरतमंद व्यक्ति इस योजना से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि कल 22 जुलाई को वे इस मुद्दे पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक के साथ एक विशेष बैठक कर रहे हैं। जो भी कमियाँ होंगी, उन्हें पूरा किया जाएगा, ताकि ज़रूरतमंद लाभार्थियों को पंजाब सरकार की इस योजना का लाभ मिल सके।
