लापरवाही से वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं के लिए कोई मुआवजा नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 3 जुलाई - देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि बीमा कंपनियां लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और आर महादेवन की पीठ ने तेज गति से वाहन चलाने के कारण दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की पत्नी, बेटे और माता-पिता द्वारा मांगे गए 80 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान करने से इनकार कर दिया है।

नई दिल्ली, 3 जुलाई - देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि बीमा कंपनियां लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और आर महादेवन की पीठ ने तेज गति से वाहन चलाने के कारण दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की पत्नी, बेटे और माता-पिता द्वारा मांगे गए 80 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान करने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 23 नवंबर, 2024 के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा इस मुआवजे का दावा करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'हम उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए निर्णय में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।'
जानकारी के अनुसार, एनएस रविशा 18 जून, 2014 को अरासिकेरे कस्बे में एक दुर्घटना का शिकार हुई थी। इस दुर्घटना के दौरान कार में उसके पिता, बहन और बच्चे भी सवार थे। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि रविशा ने यातायात नियमों का पालन किए बिना लापरवाही से कार चलाई और उसने वाहन पर नियंत्रण खो दिया जिसके कारण यह दुर्घटना हुई।