
जिले के आम आदमी क्लीनिकों में एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध: सिविल सर्जन
एसएएस नगर, 27 जुलाई, 2025: पंजाब सरकार के निर्देश पर अब जिले के सभी 40 आम आदमी क्लीनिकों में एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन ने बताया कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए आम आदमी क्लीनिकों में कई नई सुविधाएं शुरू की गई हैं।
एसएएस नगर, 27 जुलाई, 2025: पंजाब सरकार के निर्देश पर अब जिले के सभी 40 आम आदमी क्लीनिकों में एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन ने बताया कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए आम आदमी क्लीनिकों में कई नई सुविधाएं शुरू की गई हैं।
जबकि अन्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में यह वैक्सीन पहले से ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पशुओं के वध के पहले, तीसरे, सातवें और 28वें दिन टीकाकरण बेहद जरूरी है। जिले के सभी आम आदमी क्लीनिकों में रेबीज का इलाज बिल्कुल मुफ्त है।
एंटी-रेबीज वैक्सीन (एआरवी) रेबीज से बचाव करती है। उन्होंने कहा कि रेबीज या रेबीज की यह बीमारी 100 प्रतिशत घातक है, लेकिन अगर समय पर इलाज किया जाए तो इसे 100 प्रतिशत रोका जा सकता है। सुचारू, तेज और प्रभावी उपचार सुनिश्चित करने के लिए क्लीनिकों में आवश्यक वैक्सीन और प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मचारियों का पूरा स्टॉक मौजूद है।
डॉ. जैन ने बताया कि आमतौर पर यह माना जाता है कि रेबीज़ सिर्फ़ कुत्तों के काटने से ही फैलता है। हालाँकि, इसके विपरीत, यह बीमारी सिर्फ़ कुत्तों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बिल्ली, बंदर, बकरी, चमगादड़ समेत कई जानवरों के काटने से भी हो सकती है। इसका वायरस संक्रमित जानवरों की लार में रहता है और जानवरों के काटने या घाव के ज़रिए इंसानों में प्रवेश करता है।
उन्होंने कहा कि अगर आपको किसी जानवर ने काट लिया है या आपको रेबीज़ संक्रमण का संदेह है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और रेबीज़ का टीका लगवाएँ। आम लोगों को घरेलू नुस्खों की बजाय उचित इलाज करवाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि कुत्ते या किसी अन्य जानवर के काटने के बाद घाव पर मिर्च आदि नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से जानलेवा बीमारी हो सकती है।
उन्होंने ज़िलावासियों से अपील की कि जिन लोगों के घरों में पालतू कुत्ते हैं, वे उनका टीकाकरण ज़रूर करवाएँ ताकि कुत्ते के काटने पर लोगों को रेबीज़ से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि रेबीज़ से बचने का एकमात्र उपाय इससे बचाव ही है।
- रेबीज़ के लक्षण:
रेबीज़ के शुरुआती लक्षण बुखार, सिरदर्द, घबराहट, उल्टी और सामान्य कमज़ोरी हो सकते हैं। जैसे-जैसे वायरस फैलता है, अन्य लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं जैसे भ्रम, बेचैनी, आवाज़ और पानी से डर, दांत निकलना, मतिभ्रम, निगलने में कठिनाई, अत्यधिक लार आना, लकवा और अंततः मृत्यु।
- रेबीज़ से बचाव के उपाय:
किसी भी बीमार या घायल जानवर के संपर्क में आने से बचें।
- अपने पालतू जानवरों को नियमित रूप से रेबीज़ का टीका लगवाएँ।
- आवारा जानवरों को न छुएँ।
जानवर के काटने वाली जगह को तुरंत साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएँ।
