
मोहाली में श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई
मोहाली- श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर, प्राचीन हनुमान मंदिर (कुहाड़ी वाला मंदिर), मुंडी, खरड़ में, महंत श्री राम निवास दास जी महाराज के मार्गदर्शन और आशीर्वाद के साथ, श्री कृष्ण जन्मोत्सव को अत्यंत भक्ति, उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया।
मोहाली- श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर, प्राचीन हनुमान मंदिर (कुहाड़ी वाला मंदिर), मुंडी, खरड़ में, महंत श्री राम निवास दास जी महाराज के मार्गदर्शन और आशीर्वाद के साथ, श्री कृष्ण जन्मोत्सव को अत्यंत भक्ति, उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया।
सुबह से ही मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, पाठ और भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का संकीर्तन शुरू हो गया। दोपहर के समय भव्य सजावट और मनमोहक झांकियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें बाल कृष्ण की झांकी भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही।
शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक भजन-कीर्तन और नृत्य-गीतों के माध्यम से प्रभु श्री कृष्ण की महिमा का गुणगान किया गया। ठीक रात 12 बजे श्री कृष्ण जन्म का पावन अभिषेक मंत्रोच्चार और घंटा नाद के साथ किया गया। इस पवित्र अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे और प्रभु के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस समारोह में श्री रोहित मिश्रा (प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, इंडस्ट्रीज सेल – भाजपा पंजाब) और श्री पवन मनोचा (जिला उपाध्यक्ष, भाजपा मोहाली) विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
दोनों विशिष्ट अतिथियों ने भगवान श्री कृष्ण से क्षेत्र की समृद्धि और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए प्रार्थना की और सभी भक्तों को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
श्री रोहित मिश्रा ने कहा, “मंदिर समिति ने जिस तरह श्रद्धा और एकता के माध्यम से समाज को जोड़ा है, वह अत्यंत सराहनीय है। ऐसे धार्मिक आयोजनों के माध्यम से युवाओं को हमारी महान संस्कृति से जोड़ना बहुत जरूरी है।”
श्री पवन मनोचा ने अपने संदेश में कहा, “श्री कृष्ण जन्मोत्सव केवल एक आध्यात्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह समाज में प्रेम, सौहार्द और सेवा की भावना को बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर है। भगवान श्री कृष्ण के आदर्शों से प्रेरित होकर हमें सदा जनकल्याण के लिए तत्पर रहना चाहिए।”
महंत श्री राम निवास दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचनों में श्री कृष्ण के जीवन और श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशों को जीवन में अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का संपूर्ण जीवन धर्म की स्थापना, सत्य की रक्षा और जनकल्याण को समर्पित था।
अंत में, सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
