
जिले में बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ 'प्रोजेक्ट जीवन जोत' अभियान जारी - पांच बच्चों को बचाया गया
नवांशहर: डायरेक्टर महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब से प्राप्त निर्देशों के अनुसार डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने 'प्रोजेक्ट जीवन जोत' को लागू करने के लिए जिले में बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान शुरू किया है। तदनुसार, जिला कार्यक्रम अधिकारी जगरूप सिंह और जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा के नेतृत्व में, नवांशहर में चंडीगढ़ रोड, बंगा रोड और रेलवे रोड पर बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ जाँच की गई और चेकिंग के दौरान 18 साल से कम उम्र के पांच बच्चों को टीम ने बचाया।
नवांशहर: डायरेक्टर महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब से प्राप्त निर्देशों के अनुसार डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने 'प्रोजेक्ट जीवन जोत' को लागू करने के लिए जिले में बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान शुरू किया है। तदनुसार, जिला कार्यक्रम अधिकारी जगरूप सिंह और जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा के नेतृत्व में, नवांशहर में चंडीगढ़ रोड, बंगा रोड और रेलवे रोड पर बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ जाँच की गई और चेकिंग के दौरान 18 साल से कम उम्र के पांच बच्चों को टीम ने बचाया।
बच्चों को छुड़ाने के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आगे की कार्रवाई की जा सके. इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने दुकानदारों व आम जनता को बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से भीख मंगवाना कानूनी अपराध है।
बाल भिक्षावृत्ति को जड़ से खत्म करने के लिए भीख मांगने वाले बच्चों को भीख में पैसे न देकर उनके माता-पिता को समझाइश देनी चाहिए। ताकि वे अपने बच्चों को भीख मांगने के बजाय स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजें।
इस अवसर पर बाल संरक्षण अधिकारी राजिंदर कौर ने जरूरतमंद बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही स्पॉन्सरशिप योजना के बारे में भी जानकारी दी। जिसके तहत जरूरतमंद और बेसहारा बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रति माह 4000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
उन्होंने अपील की कि यदि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को भीख मांगते हुए देखता है तो इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई, कमरा नंबर 413, तीसरी मंजिल, डीसी कार्यालय या चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।
चेकिंग टीम में स्वास्थ्य विभाग से रूपिंदर सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी राजिंदर कौर और संतोष डीईओ, सीडीपीओ कार्यालय से बिमला देवी, पुलिस विभाग से परविंदर कुमार, रेनू और मोनिका रानी और शिक्षा विभाग से सुखविंदर सिंह शामिल थे।
