जनसंगठनों की संयुक्त मोर्चा इकाई द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का जन्मदिन मनाया गया

गढ़शंकर - जन संगठनों के संयुक्त मोर्चा की इकाई गढ़शंकर द्वारा गुरुद्वारा श्री गुरु रविदास के हॉल में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 133वीं जयंती संविधान दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर संविधान की रक्षा विषय पर आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता सरदार प्यारा सिंह, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मक्खन सिंह वाहिदपुरी, रामजी दास चौहान, डॉ. बिकर सिंह व सरूप चंद ने की।

गढ़शंकर - जन संगठनों के संयुक्त मोर्चा की इकाई गढ़शंकर द्वारा गुरुद्वारा श्री गुरु रविदास के हॉल में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 133वीं जयंती संविधान दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर संविधान की रक्षा विषय पर आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता सरदार प्यारा सिंह, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मक्खन सिंह वाहिदपुरी, रामजी दास चौहान, डॉ. बिकर सिंह व सरूप चंद ने की।
सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर जगदीश राय एवं प्राचार्य प्यारा सिंह ने बाबा साहेब डॉ. भीम राव के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान समय में बाबा साहेब द्वारा बनाये गये संविधान को अलोकतांत्रिक एवं फासीवादी ताकतों से बड़ा खतरा है.
वर्तमान केंद्र सरकार तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों के संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलना चाहती है। संविधान बदलने को लेकर अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के बयानों पर प्रधानमंत्री या उनकी पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई न किया जाना कई संदेह पैदा करता है। सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक विरोधियों को झूठे-सच्चे मामलों में फंसाना आम बात हो गई है। जनता के आम मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबी को नजरअंदाज कर धर्म के नाम पर वोट मांग कर केंद्र और कुछ राज्यों की सत्ताधारी पार्टी द्वारा बाबा साहेब के धर्मनिरपेक्ष संविधान का घोर उल्लंघन किया जा रहा है.
गोदी चैनलों द्वारा केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए तरह-तरह के झूठे आख्यान रचना और धर्म के नाम पर समाज में विभाजन पैदा करना विविधता में एकजुट भारतीय समाज के लिए बड़े खतरे का सूचक है। संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग कर सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले देशभक्त बुद्धिजीवी लेखकों को देशद्रोही कहकर जेल में डालना भी सरकार की असली मंशा को उजागर करता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बांड घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद शासकों और कॉरपोरेट संस्थानों के बीच नापाक लेन-देन का खुलासा हुआ है। कहा केंद्र सरकार देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटना चाहती है साथ ही वह देश के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर देश के संपूर्ण संसाधनों को कॉरपोरेट घरानों पर डाका डालना चाहती है। वक्ताओं ने कहा कि समय की मांग है कि सभी लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष ताकतों की एकता को मजबूत किया जाये ताकि लोकतंत्र एवं संविधान के लिए खतरा बनी सांप्रदायिक एवं फासीवादी ताकतों को सत्ता से हटाया जा सके ताकि बाबा साहेब द्वारा बनाये गये संविधान एवं लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की जा सके
  इस समय कुलभूषण कुमार, लेक्चरर सरूप चंद, हरबंस सिंह, बलवंत राम, जोगिंदर कुलेवाल, हरी बिलास, देविंदर कुमार राणा, शिंगारा राम, प्रिंसिपल सोहन सिंह, जीत सिंह बागवाई हंस राज, ज्ञानी अवतार सिंह, सूबेदार अशोक कुमार, केशव दत्त , स्वामित्व सन्नी और जोगिंदर पाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। मंच का संचालन लेक्चरर शाम सुंदर ने किया।