
पद्म भूषण इंजी जसपाल भट्टी सांस्कृतिक संध्या 2024
चंडीगढ़: 16 अप्रैल 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (PECOSA) ने आज विश्व प्रसिद्ध, पद्म भूषण से सम्मानित, 1978 के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बैच के पूर्व छात्र महान इंजीनियर जसपाल भट्टी जी, की जीवन उपलब्धियों को याद करने, उनका सम्मान करने और उनके जीवन का जश्न मनाने के लिए एक विशेष वार्षिक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन 16 अप्रैल 2024 को किया गया।
चंडीगढ़: 16 अप्रैल 2024:- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (PECOSA) ने आज विश्व प्रसिद्ध, पद्म भूषण से सम्मानित, 1978 के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बैच के पूर्व छात्र महान इंजीनियर जसपाल भट्टी जी, की जीवन उपलब्धियों को याद करने, उनका सम्मान करने और उनके जीवन का जश्न मनाने के लिए एक विशेष वार्षिक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन 16 अप्रैल 2024 को किया गया।
इस कल्चरल इवनिंग के मुख्य अतिथि पीईसी के निदेशक प्रो. (डॉ.) बलदेव सेतिया जी, उनके साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में इंजीनियर जसपाल भट्टी जी की पत्नी श्रीमती सविता भट्टी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। इस पूरी सांस्कृतिक संध्या का आयोजन इंजीनियर टीकम चंदर बाली (अध्यक्ष, पेकोसा) और इंजीनियर एच.एस. ओबेरॉय (जनरल सेक्रेटरी, पेकोसा) के साथ ही इंजीनियर अशोक पराशर, इंजीनियर अशोक बंसल एवं कर्नल पी.डी.एस. संधू. जी की टीम ने किया। इस यादगारी शाम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई।
अपने स्वागत भाषण में इंजीनियर टीकम चंदर बाली, (अध्यक्ष, पेकोसा) ने विश्व प्रसिद्ध व्यंग्यकार, कॉमेडी के बादशाह, पद्म भूषण इंजीनियर जसपाल भट्टी की जीवन कहानी भी साझा की। उन्होंने उनके जीवन की उपलब्धियों, उनकी कार्यशैली, बिजली बोर्ड में उनके कार्य वर्ष, एक प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट, फ्लॉप शो, फुल टेंशन, उल्टा पुल्टा के मिनी कैप्सूल सहित कई टीवी शो में उनके अभिनय पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, ''वह कॉमेडी के ही नहीं, व्यंग्य के भी किंग हैं।'' उन्होंने PECOSA के संरक्षक के रूप में निदेशक प्रोफेसर बलदेव सेतिया जी उनके अटूट समर्थन के लिए उनके प्रति भी अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस सुरीली शाम को अपनी गरिमामयी उपस्थिति से सुशोभित करने के लिए श्रीमती सविता भट्टी के प्रति भी हार्दिक आभार व्यक्त किया।
तत्पश्चात, पीईसी के म्यूजिक क्लब के छात्रों द्वारा कव्वाली की रोमांचक प्रस्तुति भी प्रस्तुत की गई, जिसने संगीत की सुंदर मधुर स्वर लहरियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद, पीईसी के ड्रामेटिक्स क्लब के छात्रों द्वारा प्रस्तुत हास्य, व्यंग्य और कॉमेडी से भरी बातचीत के छोटे कैप्सूल 'भट्टी नाइट्स' के लिए मंच पूरी तरह से तैयार था। छात्रों द्वारा रेट्रो बॉलीवुड गानों की एक और सुंदर व् संगीतमय प्रस्तुति भी प्रस्तुत की गई।
1973 बैच के पीईसी के पूर्व छात्र ब्रिगेडियर हरदीप सिंह द्वारा मनमोहक प्रदर्शन, 'माउथ ऑर्गन-हार्मोनिका' का उपयोग करके प्रसिद्ध पुराने रेट्रो बॉलीवुड गानों की पेशकश भी की गई।
सम्मानित अतिथि, श्रीमती सविता भट्टी ने कि, "PEC वही जगह है, जहाँ जसपाल जी ने अपना विज़न ग्रहण किया, जहाँ उन्होंने अपने उल्टा पुल्टा के साथ प्रयोग किया"। भावनाओं से भरे प्रेमपूर्ण हृदय के साथ, उन्होंने अद्भुत प्रदर्शन के लिए छात्रों के प्रति, PECOSA के प्रति और समग्र रूप से PEC के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने जसपाल जी के जीवन से जुड़े रोचक किस्से भी साझा किये। उन्होंने कहा कि, ''पीईसी हमेशा से ही उनकी दूसरी मां रही हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि, ''पीईसी के बिना जसपाल भट्टी वह नहीं होते जो वह थे, जो वह बने, पीईसी ने हमें अद्भुत यादें दी हैं।'' उन्होंने बहुत कृतज्ञतापूर्वक इस बात पर जोर दिया कि, ''उनका विवाह उनके दोस्तों, उसके सहपाठियों और उनके अल्मा-मेटर से हुआ था। उनके अंदर का बच्चा आप लोगों (पीईसी) की वजह से जिंदा रहा।'' उन्होंने यह तथ्य भी साझा किया कि 'फ्लॉप शो' की शूटिंग पीईसी कैंपस में हुई थी, और पीईसी ऑडिटोरियम का इस्तेमाल 'फ्लॉप शो' के चीफ गेस्ट शो के लिए किया गया था। अंत में उन्होंने सभी को एक बार फिर से धन्यवाद देते हुए कहा कि, ''उन्होंने कभी अपनी मां पीईसी से कभी अलग नहीं हुए, और ना ही मैं होउंगी।''
पीईसी के निदेशक प्रो. (डॉ.) बलदेव सेतिया जी ने श्रीमती सविता भट्टी के प्रति आभार व्यक्त किया और पीईसी के पोर्टल पर उनका स्वागत किया। उन्होंने इस सांस्कृतिक संध्या के आयोजन के लिए पेकोसा के प्रति भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने जसपाल भट्टी जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जसपाल भट्टी जी के फैन होते हुए भी इस बात को बताने में उनका गर्व है, कि उन्होंने खुद जसपाल भट्टी जी से हाथ मिलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने यह भी घोषणा की कि, 'जसपाल भट्टी जी की एक प्रतिमा जल्द ही पीईसी ऑडिटोरियम के बाहर स्थापित की जाएगी।' अंत में, उन्होंने एक बार फिर सभी गणमान्य व्यक्तियों को इस बहुप्रतीक्षित सांस्कृतिक संध्या में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।
इस खूबसूरत सांस्कृतिक शाम के साथ, 45 प्रतिभाशाली मेधावी छात्रों को उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए PEC के निदेशक, प्रो. सेतिया और PECOSA के अध्यक्ष, इंजीनियर टीकम चंदर बाली द्वारा छात्रवृत्ति (पूर्ण/आंशिक) भी प्रदान की गई।
इसके बाद पीईसी के छात्रों द्वारा भांगड़ा नृत्य का शानदार और रोमांचकारी प्रदर्शन किया गया। इंजीनियर जसपाल भट्टी जी के जीवन को प्रदर्शित करने वाली एक फिल्म को भी दिखाया गया। इस कार्यक्रम में उनके दोस्त, सहपाठी, उनके परिवार के सदस्य, संस्थान के अन्य पूर्व छात्र और छात्र उपस्थित थे। अंत में, इंजीनियर एच.एस. ओबेरॉय ने सभी सम्मानित अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों और पूर्व छात्रों को धन्यवाद दिया।
