
बिक्रम मजीठिया की याचिका पर सुनवाई 8 तक स्थगित; चंडीगढ़, 4
जुलाई- पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की याचिका पर सुनवाई 8 जुलाई तक स्थगित कर दी है, जिसमें उन्होंने अपनी 'अवैध गिरफ्तारी और रिमांड' को चुनौती दी है।
जुलाई- पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की याचिका पर सुनवाई 8 जुलाई तक स्थगित कर दी है, जिसमें उन्होंने अपनी 'अवैध गिरफ्तारी और रिमांड' को चुनौती दी है।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया की बेंच के समक्ष संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल ने दलील दी कि मजीठिया ने 26 जून 2025 के आदेशों को मोहाली कोर्ट में चुनौती दी है, जो तब से नए समन जारी होने के कारण निरर्थक हो गए हैं। इसके बाद कोर्ट ने मजीठिया के वकील को संशोधित याचिका दायर करने को कहा है। हालांकि, आज मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और कोर्ट ने सुनवाई 8 जुलाई तक स्थगित कर दी।
मजीठिया ने विजिलेंस द्वारा दर्ज मामले को उनकी छवि खराब करने और उन्हें परेशान करने के लिए 'राजनीतिक साजिश और प्रतिशोध' का नतीजा बताया है। याचिका सरतेज सिंह नरूला, दमनबीर सिंह सोबती और अर्शदीप सिंह चीमा ने दायर की थी। विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
मजीठिया ने याचिका में कहा है कि 25 जून को मोहाली में विजिलेंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर “स्पष्ट रूप से अवैध” थी और उसी दिन उनके आवास से उनकी गिरफ्तारी “स्थापित कानूनी प्रक्रिया का घोर उल्लंघन” थी। मजीठिया ने कहा कि सुबह 11:20 बजे उनकी आधिकारिक गिरफ्तारी से पहले उन्हें दो घंटे से अधिक समय तक अवैध हिरासत में रखा गया था, जैसा कि कई वीडियो रिकॉर्डिंग से स्पष्ट है और अगले दिन रिमांड आदेश पारित किया गया था।
याचिका में कहा गया है, “सुबह 9:00 बजे से 11:20 बजे तक हिरासत में रखना न केवल अवैध और मनमाना था, बल्कि गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने की संवैधानिक और कानूनी आवश्यकता का सीधा उल्लंघन था।”
