हिन्दी और पंजाबी के प्रचार-प्रसार के लिए अनिल कुमार भारती की पुस्तक का नेपाल में किया गया विमोचन

पटियाला- विदेशों में पंजाबी और हिंदी भाषाओं के प्रचार और प्रसार के लिए अभियान चला रहे अंतरराष्ट्रीय लेखक और शिक्षाविद् अनिल कुमार भारती की मुहिम को उस समय जबरदस्त बल मिला जब लेखक उनके द्वारा लिखित पुस्तक थ्री इन वन लिंग्विस्टिक मैजिक के अंतरराष्ट्रीय संस्करण का विमोचन नेपाल के काठमांडू में पंजाबी सभा मास्को, वाल्मीकि विद्यापीठ संस्कृत विश्वविद्यालय काठमांडू और चारु साहित्य प्रतिष्ठान, नेपाल द्वारा आयोजित भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी और सम्मान समारोह के दौरान किया गया।

पटियाला- विदेशों में पंजाबी और हिंदी भाषाओं के प्रचार और प्रसार के लिए अभियान चला रहे अंतरराष्ट्रीय लेखक और शिक्षाविद् अनिल कुमार भारती की मुहिम को उस समय जबरदस्त बल मिला जब लेखक उनके द्वारा लिखित पुस्तक थ्री इन वन लिंग्विस्टिक मैजिक के अंतरराष्ट्रीय संस्करण का विमोचन नेपाल के काठमांडू में पंजाबी सभा मास्को, वाल्मीकि विद्यापीठ संस्कृत विश्वविद्यालय काठमांडू और चारु साहित्य प्रतिष्ठान, नेपाल द्वारा आयोजित भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी और सम्मान समारोह के दौरान किया गया।
 इस समारोह में मुख्य अतिथि नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. घनेश्वर एवं विश्व विख्यात लीवर रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार सिंह तथा पंजाबी सभा मास्को के अध्यक्ष प्रमोद कुमार धीमान ने संयुक्त रूप से इस पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कुलपति ने अंतर्राष्ट्रीय लेखक एवं शिक्षाविद् अनिल कुमार भारती की त्रिभाषा एवं बहुभाषा तुलनात्मक ज्ञान विकास पद्धति की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा इसे भाषायी समरूपता के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी खोज बताया। 
संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह भी कहा कि श्री अनिल कुमार भारती, सुशील कुमार आजाद, प्रमोद कुमार धीमान और उनकी पूरी टीम का भाषाओं को जोड़ने का यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्य बहुत ही सराहनीय प्रयास है, जो विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक निकटता को मजबूत करेगा।  
इस अवसर पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पंजाबी सभा मास्को के अध्यक्ष श्री प्रमोद कुमार धीमान ने कहा कि यह लेखक अनिल भारती और सुशील कुमार आजाद के संयुक्त प्रयासों का ही परिणाम है कि उन्होंने रूस में पंजाबी और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए मास्को के बैसाखी कार्यक्रम में अनिल कुमार भारती की पुस्तक का विमोचन समारोह करवाया था, जिसके कारण रूसी लोगों के लिए पंजाबी, अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है। 
इस सम्मेलन में भारत, नेपाल, नीदरलैंड आदि देशों के कई विद्वानों के साथ-साथ डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे शोध छात्रों ने भी भाग लिया। अपने संबोधन में डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सनातन धर्म पूर्णतः वैश्विक समुदाय के भ्रातृत्व में विश्वास रखता है तथा सम्पूर्ण पृथ्वी को एक परिवार मानता है। अनिल कुमार भारती द्वारा लिखित यह पुस्तक भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 
श्री अरुण कुमार सिंह ने यह भी कहा कि नेपाली और हिंदी भाषाओं की लिपि एक समान ही है, इसलिए इन भाषाओं के बीच आपसी समझ बनाना और भी आसान है। यदि यह गंभीर प्रयास किया गया तो इससे भारत और नेपाल के बीच साझा सांस्कृतिक साझेदारी को और भी करीब लाने में काफी मदद मिलेगी।
 इस अवसर पर अपने भाषाई शोध के बारे में बताते हुए अनिल भारती ने कहा कि उन्होंने भाषाई सद्भाव और एकता के माध्यम से प्रेम, स्नेह और भाईचारे का संदेश भारत की पावन भूमि से मित्र देश नेपाल की पावन भूमि तक पहुंचाया है और इसका विश्वव्यापी प्रसार करने का प्रयास किया है। इस कठिन प्रयास में श्री भारती को अंतर्राष्ट्रीय लेखक एवं शिक्षाविद् सुशील कुमार आजाद और पंजाबी सभा मास्को के अध्यक्ष प्रमोद कुमार धीमान का भरपूर सहयोग मिलता रहा है। 
इस शुभ अवसर पर इस भव्य कार्यक्रम की आयोजक डॉ. मोनिका शर्मा, केन्द्रीय विद्यालय भारतीय दूतावास काठमांडू के प्राचार्या श्री ए. गेराल्ड, डॉ. आनंद कुमार त्रिपाठी, नरपत चौहान, प्राचार्य संस्कृत विद्यापीठ, श्री अच्युता प्रसाद, देवी पंथी, नीना शर्मा, नीलम अरोड़ा, घनश्याम निउपाने ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।