
60 साल की उम्र के बाद कानों की नियमित जांच जरूरी: डॉ. रमिंदर कौर
पटियाला, 2 मार्च - जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बहरेपन की रोकथाम एवं बचाव के लिए माता कुशलिया अस्पताल की ओपीडी में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. प्रसून कुमार की देखरेख में विश्व श्रवण दिवस का आयोजन किया गया।
पटियाला, 2 मार्च - जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बहरेपन की रोकथाम एवं बचाव के लिए माता कुशलिया अस्पताल की ओपीडी में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. प्रसून कुमार की देखरेख में विश्व श्रवण दिवस का आयोजन किया गया।
जिसमें सिविल सर्जन डॉ. रमिंदर कौर, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जगपालिंदर सिंह, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. एसजे सिंह और सीनियर मेडिकल अधिकारी डॉ. विकास गोयल शामिल हुए। सिविल सर्जन ने ओपीडी में आये मरीजों एवं उनके निकट संबंधियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आज पूरे विश्व में सुनने की क्षमता में कमी की समस्या हो रही है. इसका मुख्य कारण लंबे समय तक तेज आवाज में संगीत सुनना है और आज दुनिया के 60 प्रतिशत युवा इस बीमारी से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, कान में रक्तस्राव या दर्द एक गंभीर मुद्दा हो सकता है। कान, नाक और गले के रोगों के विशेषज्ञ डॉ. प्रसून और डॉ. गगन ने कहा कि कान साफ करने के लिए कान में तेल या तेज धार वाली चीजें/ माचिस की तीली डालने से बचना चाहिए। जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. एसजे सिंह ने बताया कि 60 वर्ष की उम्र के बाद हर वरिष्ठ नागरिक को साल में कम से कम एक बार अपने कानों की जांच करानी जरूरी है। खासकर तब जब बुजुर्ग बातचीत के दौरान शब्दों को बार-बार दोहराने के लिए कह रहे हों। अगर बच्चा स्कूल में पढ़ाई के दौरान थोड़ी दूरी से शिक्षक की आवाज पर ध्यान नहीं दे रहा है तो ऐसे बच्चों के कानों की डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विकास गोयल ने सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर कान की बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक पोस्टर भी जारी किया गया। इस अवसर पर डॉ. गगनदीप, जिला मास मीडिया अधिकारी कृष्ण कुमार व स्टाफ भी उपस्थित था।
