मानवता की सुरक्षा, सम्मान और शांति के लिए भारतीय मूल्यों को अपनाने वाले मसीहा को याद किया गया।

पटियाला- 1990 में भारत द्वारा पहली बार भारत रत्न और 1993 में विश्व के सर्वोच्च सम्मान, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित नेल्सन मंडेला को उनकी जयंती पर वीर हकीकत राय स्कूल में याद किया गया। डॉ. नेल्सन मंडेला के संघर्षपूर्ण, दुखद और कष्टमय जीवन को याद करते हुए प्रधानाचार्य श्रीमती सरला भटनागर और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सेवानिवृत्त प्रशिक्षण पर्यवेक्षक श्री काका राम वर्मा ने कहा कि 18 जुलाई 1918 को अफ्रीका की एक झोपड़ी में जन्मे नेल्सन मंडेला को अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में सम्मान प्राप्त हुआ।

पटियाला- 1990 में भारत द्वारा पहली बार भारत रत्न और 1993 में विश्व के सर्वोच्च सम्मान, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित नेल्सन मंडेला को उनकी जयंती पर वीर हकीकत राय स्कूल में याद किया गया। डॉ. नेल्सन मंडेला के संघर्षपूर्ण, दुखद और कष्टमय जीवन को याद करते हुए प्रधानाचार्य श्रीमती सरला भटनागर और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सेवानिवृत्त प्रशिक्षण पर्यवेक्षक श्री काका राम वर्मा ने कहा कि 18 जुलाई 1918 को अफ्रीका की एक झोपड़ी में जन्मे नेल्सन मंडेला को अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में सम्मान प्राप्त हुआ। 
मंडेला ने सरकारों, धार्मिक और राजनीतिक नेताओं को हृदय, मन, भावनाओं, विचारों और आदतों से घृणा, हिंसा, अहंकार, लालच और बदले की भावना को समाप्त करने और मानवता की सुरक्षा, सम्मान, प्रगति और समृद्धि के लिए वीरतापूर्ण प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। 
उन्हें 50 वर्षों से अधिक समय तक रंगभेद और नस्लीय भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष करना पड़ा और 27 वर्षों तक कारावास सहना पड़ा। उन्होंने विश्व में मानवता का विनाश करने वाले परमाणु, रासायनिक, एटमी हथियारों के प्रयोग से मर रहे लाखों बच्चों, युवाओं, नागरिकों और पशु-पक्षियों को निर्दोष बताया और कहा कि मानवता और पर्यावरण को बचाने के लिए भारतीय इतिहास, संस्कृति और रीति-रिवाज महान हैं। 
धरती माता को सुंदर, स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए हर दिल और दिमाग में प्रेम, करुणा, धैर्य, शांति, अहिंसा और विनम्रता के बीज बोकर धरती माता को फूल, फल, स्वच्छ हवा, संतुलित भोजन, पानी और गुणवत्तापूर्ण मानवीय शिक्षा, ज्ञान, भावनाओं, संस्कारों और पर्यावरण से सजाने का प्रयास किया जाना चाहिए। 
धरती माता को सुंदर, स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल बनाने के लिए हर दिल और दिमाग में बम, बारूद, घृणा, हिंसा और अहंकार के स्थान पर प्रेम, करुणा, ईमानदारी, धैर्य, शांति, संतोष, अहिंसा, विनम्रता और सहनशीलता के गुणों, ज्ञान और आदतों का विकास किया जाना चाहिए। 
प्रधानाचार्या श्रीमती टीचर्स ने काका राम वर्मा का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे विद्यार्थियों और अध्यापकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के महान क्रांतिकारी और योग्य व्यक्तियों के गुणों और ज्ञान पर चिंतन, समझ और मनन करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। 
एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी रविंदर कौर, एनसीसी अधिकारी सचना शर्मा और स्काउट गाइड शिक्षक दीपक सोनी, कार्यक्रम समन्वयक नरेश कुमारी और विद्यार्थियों ने डॉ. नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि अर्पित की और प्रण लिया कि वे अपने गुरुओं, अवतारों और ऋषियों के आदर्शों को सर्वजन हिताय विद्यार्थियों के साथ साझा करते रहेंगे।