अंतिम अरदास के मौके पर बड़ी हस्तियां पहुंचीं

माहिलपुर - माहिलपुर नगर कौंसिल की पूर्व अध्यक्ष व एमसी बीबी गुरुमीत कौर बैंस ने अपने धार्मिक जीवन से अपनी महत्वकांक्षा और स्वार्थ दोनों को बचाया। यह विचार सिख एजुकेशनल काउंसिल के महासचिव प्रोफेसर अपिंदर सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किए बीबी गुरमीत कौर बैंस की अंतिम अरदास के अवसर पर।

माहिलपुर - माहिलपुर नगर कौंसिल की पूर्व अध्यक्ष व एमसी बीबी गुरुमीत कौर बैंस ने अपने धार्मिक जीवन से अपनी महत्वकांक्षा और स्वार्थ दोनों को बचाया। यह विचार सिख एजुकेशनल काउंसिल के महासचिव प्रोफेसर अपिंदर सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किए बीबी गुरमीत कौर बैंस की अंतिम अरदास के अवसर पर। अंत में उन्होंने आगे कहा कि वह हमेशा शबद साधना से जुड़े रहे जिसके कारण परिवार, छात्र और समाज उनसे प्रेरणा लेते रहे। मंच का संचालन करते हुए बाल साहित्य लेखक बलजिंदर मान ने कहा वह एक सफल प्रशासक और एक समर्पित शिक्षक थे। सीएचटी के पद पर रहते हुए उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल माहिलपुर को जिले का प्रथम रैंक स्कूल बनाने का गौरव हासिल किया। पूर्व विधायक ठेकेदार सुरिंदर सिंह भुल्लेवाल राठां ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वह अपने पेशे के प्रति इतने समर्पित थे कि अपने कर्तव्यों का पालन करने में कभी भी कोताही नहीं बरतते थे।जरूरतमंद बच्चों की मदद करना और उन्हें सही दिशा देना उनका मुख्य लक्ष्य था। निमशा मेहता ने बैंस परिवार के साथ अपने गहरे संबंधों का जिक्र किया और कहा कि बीबी जी में प्यार, सम्मान, प्रेम, दृढ़ संकल्प, साहस, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प के साथ काम करने का स्वभाव था। वह नगर काउंसिल माहिलपुर के तौमर पार्षद रहे। मीडिया सलाहकार हरचरण बैंस ने कहा ज्ञानी हरकेवल सिंह तौरीसी और बीबी बैंस की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि जब बीबी माहिलपुर नगर कौंसिल के प्रधान बने तो उन्होंने माहिलपुर को नई दिशा देने के प्रयास शुरू कर दिए।
          पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत सिंह समरा ने खेल के क्षेत्र में बैंस परिवार की उपलब्धियों की सराहना की और कहा कि बीबी गुरमीत कौर बैंस ने अपने परिवार में रिकॉर्डर बनाए। जिन्होंने अपने जीवन में 24 बहुमूल्य शोध पुस्तकें लिखीं और उन्हें पाठकों को निःशुल्क वितरित किया। उनके बड़े बेटे जगदीप सिंह रूबी अमेरिका में चीफ इंजीनियर हैं। 1500 मीटर रिकॉर्ड धारक हैं। पोती हरमिलन बैंस ने 2023 एशियाई खेलों में दो पदक जीतकर परिवार के नाम को आगे बढ़ाया । इसी तरह पोतरा शनदीप 10 मीटर पिस्टल शूटिंग में पंजाब चैंपियन बन गए हैं। इन सभी उपलब्धियों के पीछे बीबी गुरमीत कौर का विशेष योगदान है। परिवार के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए हरविंदर सिंह बाठ ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने ज्ञानी जी द्वारा स्थापित विरासत को कायम रखा है। साहित्यिक, खेल, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को संरक्षण देना और रचनात्मक विचारकों को यश देना उनके स्वभाव में था। प्रोफेसर अजीत लंगेरी ने कहा कि सभी की भलाई करने और जरूरतमंदों की मदद करने में विश्वास करना उनके पूरे जीवन का काम था। कॉमरेड दर्शन सिंह मट्टू ने कहा कि बीबीआई द्वारा उठाए गए कदम हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
       सहज पाठ के भोग के बाद उनकी आध्यात्मिक शांति के लिए हजूरी रागी जगजीत सिंह नूर द्वारा वैरागमई कीर्तन किया गया। बैंस सेवानिवृत्त एसपी, रोशनजीत सिंह पनाम, बलराज सिंह चौहान साइकिल चालक, तलविंदर हीर, जसवन्त सिंह सीहरा, दलजीत सिंह बैंस, रघुवीर सिंह कलोआ , गुरमिंदर कैंडोवाल, प्रिंस परविंदर सिंह, प्रिंस हरजिंदर सिंह गिल एमडी, प्रिंस अवतार सिंह, प्रिंस हरभजन सिंह, प्रिंस इंद्रजीत सिंह, प्रिंस महिंदर सिंह, जैलदार गुरिंदर सिंह बैंस, हरदेव सिंह ढिल्लों, संतोख सिंह, मक्खन सिंह, गुरदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, डॉ. अवतार सिंह, सतनाम सिंह, सरबजीत सिंह, संदीप सैनी, ठेकेदार जगजीत सिंह, दविंदर सिंह बैंस, नरेंद्र अबरोल, सुखमिंदर सिंह बैंस सहित शैक्षिक, राजनीतिक, मीडिया, धार्मिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, खेल और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि ने बहुमत में हिस्सा लिया.