
गढ़शंकर में पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और एसडीएम कार्यालय गढ़शंकर के माध्यम से मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया।
गढ़शंकर 14 दिसंबर- गढ़शंकर के सैकड़ों कर्मचारियों ने पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन यूनिट गढ़शंकर के बैनर तले कामरेड मक्खन सिंह वाहिद पुरी, कामरेड अमरीक सिंह, शाम सुंदर और भूपिंदर सिंह के नेतृत्व में रेस्ट हाउस गढ़शंकर में एक साथ मार्च किया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारे लगाए और एसडीएम कार्यालय पहुंचकर रैली निकाली और मंत्रालयिक कर्मचारियों के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया.
गढ़शंकर 14 दिसंबर- गढ़शंकर के सैकड़ों कर्मचारियों ने पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन यूनिट गढ़शंकर के बैनर तले कामरेड मक्खन सिंह वाहिद पुरी, कामरेड अमरीक सिंह, शाम सुंदर और भूपिंदर सिंह के नेतृत्व में रेस्ट हाउस गढ़शंकर में एक साथ मार्च किया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारे लगाए और एसडीएम कार्यालय पहुंचकर रैली निकाली और मंत्रालयिक कर्मचारियों के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया.
इस समय वक्ताओं ने कहा कि पंजाब के मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी एक माह से अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार संघर्षरत कर्मचारियों की जायज मांगों को हल करने की बजाय टाल-मटोल की नीति अपना रही है, जिसके चलते कर्मचारी और आम जनता विरोध कर रही है सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति के कारण आम लोगों का कार्यालय कार्य भी बंद हो गया है. इसलिए सरकार को तुरंत संघर्षरत कर्मचारियों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए ताकि कर्मचारियों और लोगों में फैली अशांति खत्म हो सके।
इस समय आप सरकार ने मांग की कि अपने चुनावी वादों के मुताबिक सभी तरह के कच्चे कर्मचारियों को तुरंत पक्का किया जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, डीए की बकाया किस्तें तुरंत जारी की जाएं, वेतन आयोग की रिपोर्ट जल्द जारी की जाए संशोधित कर लागू किया जाए, विकास कर लागू किया जाए। कटौतियां बंद की जाएं, मिड डे मील वर्कर, आशा वर्कर और आंगनबाडी वर्करों को न्यूनतम वेतन के दायरे में लाया जाए, खाली पदों को भरा जाए, जरूरत के मुताबिक नए पद सृजित किए जाएं।
इस समय जीत सिंह बगवैन, विनोद कुमार, जगदीश पखोवाल, चहन थांडी, बलवंत राम, बलवीर सिंह बैंस, सरूप चंद, हरजिंदर सुनी, जोगिंदर ढाहां, दविंदर घई, गुरनाम हाजीपुर नेहरी, शिंगारा राम, गुरनीत मोइला, भलभद्र सिंह, सतीश बिनेवाल, परमजीत पठलावा, हरमेश कुमार, अमरजीत, भूपिंदर सिंह, सुखविंदर कुमार ने भी अपने विचार रखे।
