पंजाब विधानसभा में सद्भाव की भावना की हत्या, राजनीतिक दल दोषी- तलवार

होशियारपुर- पंजाब विधानसभा में पेश किए गए "पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराध निवारण अधिनियम, 2025" विधेयक में गुरु रविदास जी की मूर्ति और पवित्र ग्रंथ अमृतवाणी, भगवान वाल्मीकि जी की मूर्ति, संत कबीर जी की मूर्ति और संत नाभा दास की मूर्ति के अपमान पर दंड का प्रावधान नहीं किया गया है। यह दलित समाज के प्रति घृणित मानसिकता को भी दर्शाता है।

होशियारपुर- पंजाब विधानसभा में पेश किए गए "पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराध निवारण अधिनियम, 2025" विधेयक में गुरु रविदास जी की मूर्ति और पवित्र ग्रंथ अमृतवाणी, भगवान वाल्मीकि जी की मूर्ति, संत कबीर जी की मूर्ति और संत नाभा दास की मूर्ति के अपमान पर दंड का प्रावधान नहीं किया गया है। यह दलित समाज के प्रति घृणित मानसिकता को भी दर्शाता है।
उपरोक्त शब्द शिरोमणि अकाली दल के नेता संजीव तलवार ने आज सरकार द्वारा पेश किए गए विधेयक पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दलित विरोधी मानसिकता मार्च 2022 में ही सामने आ गई थी। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले घोषणा की थी कि अगर पंजाब में सरकार बनती है, तो उपमुख्यमंत्री दलित समुदाय से होगा, लेकिन सरकार बनने के बाद उन्होंने यह वादा पूरा नहीं किया। साढ़े तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई दलित उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। 
तलवार ने कहा कि इतना ही नहीं, विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने बिल में इन सभी कमियों के बावजूद बिल का समर्थन किया, इससे भी साबित होता है कि इन वक्ताओं की मानसिकता पंजाब विरोधी और दलित विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि दलितों के नाम पर वोट मांगने वाले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने इस बिल की इतनी बड़ी खामी को उजागर न करके अपनी सद्भावना विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। 
आज के उदाहरणों से स्पष्ट है कि केजरीवाल, भगवंत मान और उनकी पूरी कैबिनेट तथा उपस्थित अन्य प्रतिनिधि दलित विरोधी मानसिकता रखते हैं, यही कारण है कि "पंजाब पवित्र धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम अधिनियम 2025" को विधानसभा में पेश करते समय रविदासिया समाज, वाल्मीकि समाज, कबीर पंथ और महासमुंद के देवताओं और संतों की बेअदबी के लिए सजा का प्रावधान नहीं किया गया। 
तलवार ने चेतावनी दी कि यदि पंजाब सरकार ने समरसता के नाम पर राज्य के आपसी भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की तो इसके परिणाम बहुत बुरे होंगे।