शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई

एसएएस नगर, 17 अक्टूबर - सिख समुदाय के महान सेनापति अमर शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की जयंती नजदीकी गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीदां में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई।

एसएएस नगर, 17 अक्टूबर - सिख समुदाय के महान सेनापति अमर शहीद बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की जयंती नजदीकी गांव सोहाना के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सिंह शहीदां में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई।
इस दिन के उपलक्ष्य में श्री सहज पाठ साहिब जी के पर्व के बाद सुबह एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बीबी किरनजोत कौर के अंतरराष्ट्रीय ढाडी जत्था ने ढाडी-बाराँ  विच्च श्रद्धालुओं को बाबा बंदा सिंह बहादुर जी के संपूर्ण जीवन के बारे में विस्तार से सुनाया गया। उन्होंने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर ने जुल्म का विरोध करते हुए मुगल शासन को खत्म कर देश की आजादी की नींव रखी।
बीबी उत्तमजीत कौर खालसा के जत्थे ने अपने रस भिने कीर्तन से श्रद्धालुओं को इलाही वाणी नाल गवा के गुरु से जोड़ने का प्रयास किया। शिरोमणि प्रचारक भाई मंजीत सिंह जी लुधियाना वालों ने दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्र बाबा बंदा सिंह जी बहादुर, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह द्वारा सरहंद की ईंट से ईंट बजाकर प्रांतीय सरहंद वजीर खान की हत्या करने और  दशमेश  पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह तथा माता गुजर कौर की शहादत का बदला लेने और मुगल साम्राज्य को हराने  का प्रसंग संगत को विस्तार से सुनाया गया।
इसके अलावा भाई गुरजीत सिंह और मालेकोटला की बीबीयों के कविशरी जत्था , बाबा दीप सिंह कविशरी जत्था, हरजस कितरनी जत्था, शिरोमणि प्रचारक भाई जतिंदर सिंह, भाई गुरबख्श सिंह, सुखमनी सेवा सोसायटी की बीबीयों, भाई जुझार सिंह, शेर ए पंजाब कविशरी जत्था, के अलावा भाई शमशेर सिंह, भाई महिंदरपाल सिंह, भाई हरनेक सिंह, भाई जतिंदर सिंह, भाई नितिन सिंह, भाई गुरमीत सिंह और भाई इंद्रजीत सिंह, भाई जतिंदर सिंह, भाई नितिन सिंह और भाई इंद्रजीत सिंह ने कथा, कीर्तन, कविशरी और गुरमत विचारों के माध्यम से संगतों का मनोरंजन किया। दिन भर हरि जस को सुन कर प्रशंसा की। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को गुरु का लंगर दिया गया।
आयोजन समिति के प्रवक्ता ने बताया कि 24 अक्टूबर को दसवीं वर्षगांठ बड़े ही श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। इस दिन सुबह श्री सहज पाठ साहिब के भोग के बाद श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी जत्था, अंतरराष्ट्रीय पंथक ढाडी जत्था और उच्च पंथ के प्रसिद्ध प्रचारक हरि जस का पाठ कर श्रद्धालुओं का मनोरंजन करेंगे। सुबह 10 बजे अमृत संचार का आयोजन होगा। गुरु का लंगर बरताया जाएगा।