गजल मंच सरी की सुरीली शाम दिवंगत शायर सुरजीत पातर को समर्पित रही

सरी (कनाडा), 23 मई - ग़ज़ल मंच सरी ने कल रिफ्लेक्शन बैंक्वेट एंड कॉन्फ्रेंस सेंटर सरी में एक सुरीली संगीत संध्या का आयोजन किया, जिसमें ग़ज़ल गायक सुखदेव साहिल, परखजीत सिंह, डॉ. रणदीप मल्होत्रा ​​और मेशी बांगड़ ने अपनी मधुर तान से बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।

सरी (कनाडा), 23 मई - ग़ज़ल मंच सरी ने कल रिफ्लेक्शन बैंक्वेट एंड कॉन्फ्रेंस सेंटर सरी में एक सुरीली संगीत संध्या का आयोजन किया, जिसमें ग़ज़ल गायक सुखदेव साहिल, परखजीत सिंह, डॉ. रणदीप मल्होत्रा ​​और मेशी बांगड़ ने अपनी मधुर तान से बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। एक खूबसूरत संगीतमय माहौल बनाया और खूब धमाल मचाया. मंच ने गजलों की यह शाम दिवंगत शायर सुरजीत पातर को समर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत में मंच के वक्ता राजवंत राज ने महान पंजाबी कवि सुरजीत पातर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके आकस्मिक निधन पर दुख व्यक्त किया. सभी ने एक मिनट का मौन रखकर दिवंगत कवि को श्रद्धांजलि दी।
सुरीली शाम के पहले युवा गायक परखजीत सिंह ने अपनी प्रतिभा, कलात्मकता और संगीत संबंधी अंतर्दृष्टि की अद्वितीय प्रस्तुति देते हुए दो ग़ज़लों ('यह किस तरहा की रोशनी आऊँदी है शहर से', ' पता नहीं किनी क दूर जाना है ..') से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अगले गायक डॉ.रणदीप मल्होत्रा ​​ने ग़ज़ल की गहरी समझ और भावनाओं को अपनी कला के माध्यम से अभिव्यक्त कर श्रोताओं के साथ अपने सुर साझा किये। न्यूयॉर्क की मेशी बांगड़ ने भी दर्शकों को प्रभावित किया। उन्होंने गजल मंच सरी  के शायरों की गजलों को बेहद खूबसूरती से पेश किया.
  कैलीफोर्निया से आये मशहूर गायक सुखदेव साहिल ने सुरजीत पातर हूनां की गजल 'बलदा बिरख हाँ, ख़त्म हाँ, बस शाम तक हाँ.......' नाल उनां नू श्रद्धांजलि  अर्पित कर के ' किते ऊह बक्त सी मैं दूर तों पहचान लेता था/, अजे मसला मेरी पहचान डा है', नजराँ ही सी कुझ ऐसा कि सारे देखदे रह गए', किसे बरसात डा इको तलाअ बिच भर गया पानी' आदि   बेहद भावुक और मनमोहक गजलों से श्रोताओं की सराहना बटोरी। विशाल अनुभव और कलात्मकता की गहराई को प्रतिबिंबित करने वाली उनकी प्रस्तुतियों ने दर्शकों के मन में संगीत तरंगों की एक दिल छू लेने वाली लहर पैदा कर दी और दर्शकों ने साहिल की हर कविता का आनंद लिया और वाह-वाह किया। 
अतिथि गीतकार प्रीत संग्रेदी ने भी अपनी कविता से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुखदेव साहिल और परखजीत सिंह की खूबसूरत प्रस्तुति इस सुरीली शाम का मुख्य आकर्षण थी जो दर्शकों को लंबे समय तक संगीतमय सुरों से सराबोर कर देगी। इस संगीतमय शाम के लिए सबसे बड़ा सहयोग जीतेन्द्र जे मिन्हास का था और उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए इस तरह का सहयोग जारी रखने का वादा किया। मंच की ओर से गजल गायकों व सहयोगियों को सम्मानित किया गया। अंत में ग़ज़ल मंच के अध्यक्ष जसविंदर ने दर्शकों, सहकर्मियों और मीडिया हस्तियों से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मंच भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम जारी रखेगा।