गुरुद्वारा सिंह शहीदा सोहाना में 54वीं शृंखला के समापन पर महान जाग एवं धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया

एसएएस नगर, 2 अक्टूबर, जत्थेदार बाबा हनुमान सिंह जी के ऐतिहासिक शहीदी स्थल गुरुद्वारा सिंह शहीदीन, सोहाना ब्रह्मलीन ब्रह्म ज्ञानी संत बाबा अजीत सिंह जी द्वारा 29 नवंबर 1993 से लगातार जारी श्रृंखला में हंसाली वालों की जुबानी। 54वीं श्रृंखला के 5454वें श्री अखंड पाठ साहिब जी के समापन के उपलक्ष्य में एक महान जग और धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

एसएएस नगर, 2 अक्टूबर, जत्थेदार बाबा हनुमान सिंह जी के ऐतिहासिक शहीदी स्थल गुरुद्वारा सिंह शहीदीन, सोहाना ब्रह्मलीन ब्रह्म ज्ञानी संत बाबा अजीत सिंह जी द्वारा 29 नवंबर 1993 से 

लगातार जारी श्रृंखला में हंसाली वालों की जुबानी। 54वीं श्रृंखला के 5454वें श्री अखंड पाठ साहिब जी के समापन के उपलक्ष्य में एक महान जग और धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सुबह श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद दिनभर धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें श्री चमकौर साहिब वाला के भाई कमलजीत सिंह इंटरनेशनल ढाडी 

जत्था ने ढाडी काल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज में दर्ज धुर की बाणी के बारे में संगत को विस्तार से जानकारी दी। शिरोमणि प्रचारक भाई जरनैल सिंह जी लुधियाना वालों ने अपने 

प्रवचनों के माध्यम से खंडे बाटे के अमृत का महत्व समझाया और संगत को अमृत चक गुरु वाले बनने के लिए प्रेरित किया।
बीबी उत्तमजीत कौर के रागी जत्थे ने रस भजने कीर्तन के माध्यम से श्रद्धालुओं को गुरु से जोड़ने का प्रयास किया।

बीबी जसप्रीत कौर पटियाला वाले के अलावा शिरोमणि प्रचारक भाई 

सुखविंदर सिंह, भाई शहबाज सिंह, भाई जोगिंदर सिंह, अकाल कविशेरी जत्था, मित्र प्यारे को कीर्तनी जत्था, शेरे पंजाब कविशेरी जत्था, सुखमनी सेवा सोसायटी, भाई निरमैल सिंह के अलावा 

जत्थे शामिल हैं। , भाई जसवन्त सिंह, भाई इंदरजिद सिंह, भाई जसविंदर सिंह और भाई संदीप सिंह ने गुरुद्वारा सिंह शहीदों की उपस्थिति में पूरे दिन कथा, कीर्तन, कविशरी और गुरमत विचारों 

के माध्यम से हरि जस सुनाकर संगतों को निहाल किया। सभी बैचों को सिरोपाओ देकर सम्मानित किया गया। भक्तों को लड्डू, जलेबी, विभिन्न मिठाइयाँ और गुरु का अटूट लंगर परोसा गया।