
दुखी परिवार के साथ निहंग जत्थे की हमदर्दी की मिसाल बने बाबा लखवीर सिंह कुंभड़ा
चंडीगढ़: आजकल निहंग जत्थेबंदियों को लोग अक्सर गलत नजरिए से देखते हैं, लेकिन हाल ही में एक शोक सभा में बाबा लखवीर सिंह कुंभड़ा और उनके साथियों ने जिस तरह एक दुखी परिवार के साथ संवेदना और हमदर्दी दिखाई, वह एक मिसाल बन गई।
चंडीगढ़: आजकल निहंग जत्थेबंदियों को लोग अक्सर गलत नजरिए से देखते हैं, लेकिन हाल ही में एक शोक सभा में बाबा लखवीर सिंह कुंभड़ा और उनके साथियों ने जिस तरह एक दुखी परिवार के साथ संवेदना और हमदर्दी दिखाई, वह एक मिसाल बन गई।
यह समागम एक युवा की स्मृति में आयोजित किया गया था, जिसने इस दुनिया से विदा ले ली थी। बाबा लखवीर सिंह, जिनका उस परिवार से वर्षों पुराना संबंध था, अपने जत्थे सहित वहाँ पहुंचे और पूरे समय दुखी परिवार के साथ बैठे रहे। यह उनका मानवीय और संवेदनशील रूप था।
इस मौके पर उनके साथ बाबा सिमरजीत सिंह सिम्मी, बाबा रजिंदर सिंह चावला, बाबा नरिंदर सिंह चप्पड़चिड़ी, बाबा अतहर सिंह खिजराबाद, बाबा भुपिंदर सिंह चप्पड़चिड़ी, बाबा शगनप्रीत सिंह चप्पड़चिड़ी और बाबा नरिंदर सिंह जुझार नगर भी मौजूद रहे।
जब पत्रकार हरमिंदर सिंह नागपाल, जो स्वयं भी उस परिवार से वर्षों से जुड़े हुए हैं, ने बाबा जी से परिवार की बड़ी बेटी वीना राजपूत के साथ जत्थे की सामूहिक फोटो खिंचवाने का निवेदन किया, तो उन्होंने नम्रता से यह आग्रह स्वीकार किया और अपने सभी साथियों के साथ तस्वीर खिंचवाई।
यह दृश्य वहां मौजूद सभी लोगों के लिए एक यादगार क्षण बन गया, जिसने यह दर्शाया कि निहंग सिंह केवल योद्धा नहीं, बल्कि सहानुभूति और मानवीयता के प्रतीक भी हैं।
