परियोजना जीवन जोत के अंतर्गत बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के विरुद्ध अखिल भारतीय अभियान निरंतर जारी है।

नवांशहर- निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, परियोजना जीवन जोत को क्रियान्वित करने हेतु जिले में बाल भिक्षावृत्ति के विरुद्ध चल रहे अभियान के अंतर्गत जिले से बाल भिक्षावृत्ति के उन्मूलन हेतु उपायुक्त अंकुरजीत सिंह (आईएएस) द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

नवांशहर- निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, परियोजना जीवन जोत को क्रियान्वित करने हेतु जिले में बाल भिक्षावृत्ति के विरुद्ध चल रहे अभियान के अंतर्गत जिले से बाल भिक्षावृत्ति के उन्मूलन हेतु उपायुक्त अंकुरजीत सिंह (आईएएस) द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
जिसके मद्देनजर आज दिनांक 24 जुलाई 2025 को जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री जगरूप सिंह के नेतृत्व एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम द्वारा जिला नवांशहर के अंतर्गत बलाचौर ब्लॉक भद्दी रोड, बस स्टैंड, दाना मंडी एवं कंगना भेट रोड पर बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम के विरुद्ध विशेष जांच अभियान चलाया गया। इस दौरान 18 वर्ष से कम आयु के एक बच्चे को बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया तथा इसके साथ ही एक बच्चे (आयु लगभग 16 वर्ष) को बाल श्रम से मुक्त कराया गया।
बच्चों को मुक्त कराने के बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आगे की कार्रवाई की जा सके। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने दुकानदारों और आम जनता को जागरूक करते हुए कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से भीख मंगवाना और उनसे बाल श्रम करवाना कानूनन अपराध है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम को जड़ से खत्म करने के लिए भीख मांगने वाले बच्चों को भीख में पैसे नहीं दिए जाने चाहिए और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम नहीं करवाया जाना चाहिए।
बल्कि, उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की जानी चाहिए ताकि वे अपने बच्चों को भीख मांगने या उनसे मजदूरी करवाने के बजाय स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजें। इस अवसर पर बाल संरक्षण अधिकारी गौरव शर्मा ने जरूरतमंद बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही स्पॉन्सरशिप योजना की भी जानकारी दी, जिसके तहत जरूरतमंद और असहाय बच्चों को उनकी शिक्षा के लिए 4000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाती है।
इसके अलावा, उन्होंने आम जनता से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु के किसी बच्चे को भीख मांगते या मजदूरी करते देखता है तो इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर जिला बाल संरक्षण इकाई को दें।
जांच दल में जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा, बाल संरक्षण अधिकारी गौरव शर्मा, श्रम अधिकारी श्री हरविंदर सिंह, पुलिस विभाग से लवप्रीत सिंह एसआई और उषा रानी महिला कांस्टेबल, स्वास्थ्य विभाग से सुरिंदर लाल, प्राथमिक शिक्षक प्रिंस कुमार और नगर निगम कार्यालय से बलजीत कुमार शामिल थे।