21 तारीख को पंजाब के मुख्यमंत्री के चंडीगढ़ स्थित आवास का घेराव किया जाएगा

नवांशहर पैगाम-ए-जगत - कंप्यूटर टीचर्स यूनियन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष गुरविंदर सिंह तरनतारन और राज्य कमेटी ने पंजाब सरकार की लारे-लप्पे और ताला मतोल नीति और घिसी-पिटी नीति के विरोध के चलते जिले में मुख्यमंत्री नियुक्त करने का फैसला किया है। कंप्यूटर अध्यापकों के प्रति अपनाए जा रहे व्यवहार को तलाशने के बाद वे 21 जनवरी को मोहाली में एकत्रित होकर पंजाब के मुख्यमंत्री के चंडीगढ़ स्थित आवास का घेराव कर भगवंत सिंह मान की तलाश करेंगे। क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री कंप्यूटर अध्यापकों की जायज व जायज मांगों को हल करने की बजाय संगठन को संगठित करने का समय देकर बार-बार बैठकों से बच रहे हैं।

नवांशहर पैगाम-ए-जगत - कंप्यूटर टीचर्स यूनियन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष गुरविंदर सिंह तरनतारन और राज्य कमेटी ने पंजाब सरकार की लारे-लप्पे और ताला मतोल नीति और घिसी-पिटी नीति के विरोध के चलते जिले में मुख्यमंत्री नियुक्त करने का फैसला किया है। कंप्यूटर अध्यापकों के प्रति अपनाए जा रहे व्यवहार को तलाशने के बाद वे 21 जनवरी को मोहाली में एकत्रित होकर पंजाब के मुख्यमंत्री के चंडीगढ़ स्थित आवास का घेराव कर भगवंत सिंह मान की तलाश करेंगे। क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री कंप्यूटर अध्यापकों की जायज व जायज मांगों को हल करने की बजाय संगठन को संगठित करने का समय देकर बार-बार बैठकों से बच रहे हैं।
जिला जालंधर अध्यक्ष रमन कुमार और राज्य प्रेस सचिव हरजिंदर महसम पुर ने संयुक्त रूप से पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रेस को जानकारी दी। बेशक, 2011 में शिक्षा विभाग के अधीन पिक्ट्स सोसायटी में नियुक्ति पत्र के अनुसार कंप्यूटर शिक्षकों को पंजाब सिविल सेवा सेवा नियमों के तहत नियमित किया गया था। लेकिन पंजाब सिविल सेवा सेवा नियम पूरी तरह से कंप्यूटर शिक्षकों पर लागू नहीं किए गए हैं इस संबंध में हरजोत सिंह बैंस, शिक्षा मंत्री पंजाब, हरपाल सिंह चीमा, वित्त मंत्री पंजाब, उप-समिति पंजाब सरकार के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। जिसमें कंप्यूटर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय से करीब 6-7 बार संगठन को फोन किया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने जायज व जायज मांगों का समाधान करने की बजाय हर बार बैठक टाल दी। हालांकि 15 सितंबर 2022 को शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अखबारों, सोशल मीडिया और आम आदमी पार्टी के 2 अलग-अलग मंचों पर कई बार दिवाली के मौके पर कंप्यूटर शिक्षकों को लाभ देने की घोषणा की थी, जो 2 साल बाद भी पूरी नहीं हुई है बीत गया. हो गया पंजाब राज्य के अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह कंप्यूटर शिक्षकों के लाभ जैसे पंजाब सिविल सेवा नियमों का पूर्ण कार्यान्वयन, छठा वेतन आयोग, एसीपी, ड्यूटी पर मृत्यु के कारण आश्रितों को सरकारी सेवा में रोजगार, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, पारिवारिक पेंशन, छुट्टियां और अन्य वित्तीय लाभ हैं। पर रोक लगाई जिसे अविलंब कंप्यूटर शिक्षकों पर लागू किया जाए। अगर पंजाब सरकार कंप्यूटर अध्यापकों की जायज व जायज मांगों को नहीं मानती तो संघर्ष सहने के लिए तैयार रहे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।