जिंदगी भर दौड़ता रहा एक हल्की उड़ान के लिए , मेरी उड़ान भरी गई तो सीधे श्मशान के लिए-कवि दिलबाग अकेला

हरियाणा/हिसार: राष्ट्रीय साहित्य चेतना मंच की मासिक गोष्ठी ,हिन्दी विभाग ,आई .ओ .सी .एल के सौजन्य से विहान आफिसर्स क्लब पानीपत रिफाइनरी टाउनशिप में आयोजित हुई ,जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ एस .के .शर्मा ने की , मुख्य अतिथि डॉ सुभाष गर्ग और विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय युवा कवि अनन्य देवरिया,नंदिनी श्रीवास्तव और सिद्ध शंकर मिश्रा रहे।

हरियाणा/हिसार: राष्ट्रीय साहित्य चेतना मंच की मासिक गोष्ठी ,हिन्दी विभाग ,आई .ओ .सी .एल के सौजन्य से विहान आफिसर्स क्लब पानीपत रिफाइनरी टाउनशिप में  आयोजित हुई  ,जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ एस .के .शर्मा ने  की , मुख्य अतिथि डॉ सुभाष गर्ग और  विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय युवा कवि अनन्य देवरिया,नंदिनी श्रीवास्तव और सिद्ध शंकर मिश्रा रहे।
मंच संचालन हास्य कवि मनु बदायूंनी जी ने किया।
इस कार्यक्रम  की शुरुआत आकांक्षा सिंह द्वारा  सरस्वती वंदना से हुई। सर्वप्रथम अनुपिंदर सिंह अनूप को राष्ट्रीय साहित्य चेतना मंच की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष का पदभार सौंपा गया।
कार्यक्रम में  ग़ज़ल पेश करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ शायर डॉ एस .के .शर्मा करनाल ने कहा नहीं कोई सुनता अपनी कहानी ,जवानी से टकरा रही है जवानी, कवयित्री डॉ अंजू शर्मा ने कहा मेरे हर ख्वाब में हैं तू,  तेरी हर रातों से नाता है, मनू बदायूंनी ने कहा. कभी उन वादियों में बस हवाएं गीत गाती है,कभी लगता है जैसे कोई पत्थर चीख पड़ता है।
शायर अनुपिंदर सिंह अनूप ने कहा यकीनन आप में है आग कोई,ये दुनिया आप से जलती है, रचनाकार रामेश्वर 'देव' ने कहा..देव दौलत  से अच्छे हैं अपने यहांँ, क्या करूंगा मैं हीरे जवाहरात का, शायरा सोनिया सोनम अक्स ने कहा दुनिया भर के सय्यादों की आंख उस पर ठहर गई, ऊंचाई पर उड़ने लगी।
 जब चिड़िया बन कर इक लड़की, कवि नरेश लाभ ने कहा बेमिसाल है हुस्न तुम्हारा,हर पल ही मुस्काती हो, कठिनाई कितनी भी आए किंतू नहीं घबराती हो,कवि दलीप खरेरा ने कहा दूरियों की क्या औकात है,जो खास है बस खास है,कवि प्रदीप झूठ के पांव टिकते नहीं देर तक ,सच निभाते का वादा नहीं छोड़ना,शायर अशोक मलंग ने कहा बिन तुम्हारे जिया नहीं जाता,रोज़ हमसे मेरा नहीं जाता, कवयित्री रेणू ने कहा पूछी है पहचान किसी ने हमारी,आओ उसे अपनी पहचान बताएं।
 कवि अरूण कुमार ने कहा बिना तेरे जवानी ये दीवानी हो नहीं सकती बिना तेरे मेरी कोई कहानी हो नहीं सकती, कवि डॉ सुरेश राय सरल ने कहा उसके होने से तय नहीं होता, बाप दीपक से कम नहीं होता, कवि राजेश कुमार ने कहा दिखी मोनालिसा रमणी,नयन नीले अधर लाली, कवि दिलबाग अकेला ने कहा ज़िन्दगी भर दौड़ता रहा एक हल्की उड़ान के लिए ,मेरी उड़ान भरी गई तो सीधे शमशान के लिए ,इस अवसर पर आशीष ताज व करनजीत सिंह मान, राधेश्याम भारतीय, सत्यवान सत्य ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। 
इस मौके पर हिंदी अधिकारी आशुतोष झा विशेष रूप से पधारे।जसबीर कौर ,मनोज नांदल,राजेश कुशवाह आदि भी उपस्थित रहे।