
पीड़ित को अपराध की गंभीरता के अनुसार उचित मुआवजा सुनिश्चित किया जाए- डीसी
एस.ए.एस.नगर, 09 जून, 2025: उपायुक्त श्रीमती कोमल मित्तल की अध्यक्षता में आज अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में श्री आशीष कथूरिया जिला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अधिकारी-सह-सदस्य सचिव ने बताया कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति का गठन किया गया है।
एस.ए.एस.नगर, 09 जून, 2025: उपायुक्त श्रीमती कोमल मित्तल की अध्यक्षता में आज अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए बैठक आयोजित की गई। बैठक में श्री आशीष कथूरिया जिला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अधिकारी-सह-सदस्य सचिव ने बताया कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति का गठन किया गया है।
जिसके तहत यह बैठक आयोजित की जा रही है। इस अधिनियम के तहत तिमाही बैठकें आयोजित की जाती हैं। जिला एसएएस इस समिति के अधीन है। पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए शहर में 16 मामलों पर चर्चा की गई।
श्री आशीष कथूरिया ने बताया कि 02 जून 2025 को इनमें से 6 मामलों में 25 लाख 87 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। मुआवजा दिया जा चुका है। डिप्टी कमिश्नर श्रीमती कोमल मित्तल वालो, जिला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अधिकारी को बताया गया कि शेष मामलों में मुआवजा देने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए और बजट प्राप्त हो।
बैठक के दौरान लोगों को एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत किए गए प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई। यदि जागरूकता पर जोर दिया जाए तो पीड़ित जिला सामाजिक न्याय, अधिकारी कार्यालय, डीएसी मोहाली तक पहुंच सकता है। मुआवजा और अन्य मदद प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने अधिनियम की इन धाराओं का पालन करने पर जोर दिया और कहा कि यदि ऐसा कोई मामला पुलिस स्टेशन में आता है तो आईपीसी में मामला दर्ज किया जाता है, तो जांच अधिकारी डीएसपी स्तर का अधिकारी होना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि जब एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत एफआईआर दर्ज होती है, तो उस समय पीड़ित/परिवार के सदस्यों को अपराध की गंभीरता के अनुसार अधिनियम के तहत अलग-अलग चरणों में दंडित किया जाएगा।
आर्थिक मुआवजे के प्रावधान से अवगत कराया जाना चाहिए (जैसे हत्या के मामले में कुल मुआवजा 8.25 लाख रुपये है) और बताया जाना चाहिए कि किस कार्यालय से संपर्क करना है। जिला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अधिकारी आशीष कथूरिया पुलिस और जिला अटॉर्नी से बेहतर हैं। समन्वय सुनिश्चित करने के लिए कहा गया ताकि सभी पीड़ितों को समय पर मुआवजा मिल सके।
