घासोखाना सीवरेज पाइप लाइन मामला; जेलों से रिहा हुए किसानों का ग्रामीणों ने किया सम्मान

मौड़ मंडी (पैगाम-ए-जगत)- कोटफत्ता के लसारा ड्रेन तक बिछाई जा रही मौड़ मंडी की सीवरेज पाइप लाइन घासोखाना गांव के बीच से होकर बिछाई जा रही थी, जिसके चलते ग्रामीणों ने इस पाइप लाइन का विरोध किया, जिसके चलते गांव की पंचायत के अलावा किसान यूनियन सिद्धूपुर के 150 से अधिक किसान व ग्रामीण श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा, लुधियाना व अमृतसर की जेलों में बंद हो गए।

मौड़ मंडी (पैगाम-ए-जगत)- कोटफत्ता के लसारा ड्रेन तक बिछाई जा रही मौड़ मंडी की सीवरेज पाइप लाइन घासोखाना गांव के बीच से होकर बिछाई जा रही थी, जिसके चलते ग्रामीणों ने इस पाइप लाइन का विरोध किया, जिसके चलते गांव की पंचायत के अलावा किसान यूनियन सिद्धूपुर के 150 से अधिक किसान व ग्रामीण श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा, लुधियाना व अमृतसर की जेलों में बंद हो गए।
इसी बीच यूनियन के जिला प्रधान बलदेव सिंह संदोहा समेत करीब 13 किसानों ने मुक्तसर जेल में भूख हड़ताल व आमरण अनशन शुरू कर दिया, जिसके बाद बठिंडा प्रशासन व यूनियन के नेताओं के बीच सहमति बनी कि सीवरेज पाइप लाइन गांव के बाहर बिछाई जाएगी, जिसके चलते पाइप लाइन बिछाने का काम रोक दिया गया और विभिन्न जेलों में बंद किसानों को बिना शर्त रिहा कर दिया गया।
किसानों की रिहाई और पाइप लाइन का काम रुकने के बाद गांववासियों ने धन्यवाद प्रार्थना की और अरदास की और जेलों से रिहा हुए किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, बलदेव सिंह संदोहा, रेशम सिंह यात्री, बलविंदर सिंह जोधपुर के अलावा पंजाब के विभिन्न ब्लॉकों के नेताओं और कार्यकर्ताओं और जेल गए ग्रामीणों को भी सम्मानित किया गया।
 इस अवसर पर बोलते हुए काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि सरकारों के अत्याचार को रोकना जरूरी है। बोलते हुए बलदेव सिंह संदोहा ने कहा कि हमें सरकार की अगली कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए। इसके बाद गांववासियों ने जेल से रिहा हुए सभी किसानों को लेकर गांव में विजय जुलूस भी निकाला। 
इस अवसर पर गांव के सरपंच हरजस सिंह के अलावा गुरदित्ता सिंह मैसरखाना, मक्खन सिंह घासोखाना, हरप्रीत सिंह बुर्ज, बादल सिंह कोटली खुर्द, निर्मल सिंह, इकबाल सिंह मैसरखाना, गुरदीप सिंह मैसरखाना आदि जिले के विभिन्न ब्लॉकों के पदाधिकारियों के साथ मौजूद थे।