
क्या 'जंग जमीन दी' से हमें राजनीतिक जमीन मिलेगी? बादल का दावा- हमारी सरकार बनने पर कोई बाहरी व्यक्ति पंजाब में जमीन नहीं खरीद पाएगा
लुधियाना: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल लुधियाना में GLADA कार्यालय के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। शिरोमणि अकाली दल का विरोध भूमि अधिग्रहण के खिलाफ है।
लुधियाना: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल लुधियाना में GLADA कार्यालय के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। शिरोमणि अकाली दल का विरोध भूमि अधिग्रहण के खिलाफ है।
सुखबीर बादल ने यहां कहा कि अगर पंजाब में हमारी सरकार बनती है तो बाहरी लोगों को खेती के लिए जमीन नहीं दी जाएगी। अगर हिमाचल-उत्तराखंड जैसे राज्य बाहरी लोगों को जमीन देते हैं, तभी हम पंजाब में बाहरी लोगों को जमीन देंगे।
आपको बता दें कि सुखबीर ने एक बैठक के दौरान कहा था कि आज किसान भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। 'आप' सरकार ने जनता को ठगने की योजनाएं शुरू की हैं। इसमें 24 हजार एकड़ जमीन अधिग्रहण करने के नाम पर प्रत्येक किले से एक करोड़ रुपये वसूले जाएंगे। शिरोमणि अकाली दल इस योजना का विरोध करेगा और अदालत का दरवाजा खटखटाएगा। वहीं अकाली दल के उम्मीदवार एडवोकेट परुपकर सिंह घुमन ने कहा कि आज अकाली दल ने सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
क्या है पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग योजना
बता दें कि पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने हाल ही में किसानों की जमीन से जुड़ी नई लैंड पूलिंग योजना की घोषणा की है, जिसे सरकार किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम बता रही है। हालांकि, इस योजना ने राजनीतिक और सामाजिक विवाद भी खड़ा कर दिया है।
सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत किसानों को उनकी जमीन की कीमत का 400 फीसदी तक मुआवजा मिलेगा, जो सामान्य मुआवजे से कई गुना ज्यादा है। किसानों को उनकी जमीन के बदले विकसित प्लॉट दिए जाएंगे, जिससे वे शहरी विकास का हिस्सा बन सकेंगे।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि किसानों की सहमति से ही जमीन ली जाएगी और यह योजना भू-माफिया को रोकने का एक तरीका है। हालांकि, कुछ किसानों को डर है कि यह योजना उनकी जमीन छीनने का एक तरीका हो सकती है और सहमति के दावों के बावजूद इसे जबरदस्ती लिया जा सकता है।
विरोधियों का कहना है कि योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है, जिससे किसानों में भरोसा कम हो रहा है। आप सरकार की लैंड पूलिंग योजना को किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद बताया जा रहा है, वहीं विरोधियों और कुछ किसान संगठनों का मानना है कि इसमें पारदर्शिता का अभाव है और इसमें दबाव का जोखिम है। सरकार को इस योजना को सफल बनाने के लिए किसानों से खुलकर बात करनी चाहिए और उनकी चिंताओं का समाधान करना चाहिए।
