ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए जिला मजिस्ट्रेट ने निषेधाज्ञा जारी की

शहीद भगत सिंह नगर- शहीद भगत सिंह नगर में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए निषेधाज्ञा जारी करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने कहा कि संबंधित उपमंडलों में एसडीएम और डीएसपी ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम सुनिश्चित करेंगे।

शहीद भगत सिंह नगर- शहीद भगत सिंह नगर में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए निषेधाज्ञा जारी करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने कहा कि संबंधित उपमंडलों में एसडीएम और डीएसपी ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम सुनिश्चित करेंगे।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए संबंधित अधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 
जारी आदेशों में जिलाधीश ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण को रोकना आवश्यक है, क्योंकि मैरिज पैलेस, होटल, रेस्टोरेंट आदि में बहुत तेज आवाज में लाउड स्पीकर, डीजे आदि बजाए जाते हैं। इसी प्रकार, कई पेशेवर गायक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तथा देर रात तक लाउड स्पीकर/डीजे आदि बजाते हैं, जिससे आसपास के निवासियों, मरीजों व स्कूली बच्चों को असुविधा का सामना करना पड़ता है तथा ध्वनि प्रदूषण से उनके स्वास्थ्य को भी खतरा होता है। 
इस प्रकार, भारत के सर्वोच्च न्यायालय तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन होता है। जिला मैजिस्ट्रेट ने बताया कि शहीद भगत सिंह नगर जिले में विभिन्न राजनीतिक दलों व संगठनों के नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा आयोजित जलसा, रैलियां, रोष धरना आदि के अवसर पर तथा किसी भी एनजीओ, निजी सामाजिक, मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारा, व्यापारिक संगठन/संस्था आदि के प्रबंधकों/पदाधिकारियों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, समागमों आदि के अवसर पर किसी भी भवन, सार्वजनिक स्थान, खुले स्थानों, पंडालों में किसी भी समय (दिन या रात) पंजाब साधन (शोर नियंत्रण) अधिनियम, 1956 में वर्णित शर्तों के तहत संबंधित उप-मंडल मैजिस्ट्रेट की लिखित अनुमति के बिना लाउडस्पीकर आदि का प्रयोग नहीं किया जाएगा। 
इसी प्रकार, मैरिज पैलेस, क्लब, होटल व खुले स्थानों आदि में कोई भी व्यक्ति लिखित अनुमति के बिना डीजे, आर्केस्ट्रा, संगीत वाद्ययंत्र आदि का प्रयोग नहीं कर सकेगा।
 जारी आदेशों के अनुसार लिखित अनुमति लेने के बाद यह सत्यापित करना होगा कि ध्वनि का स्तर 10 डीबी (ए) से अधिक नहीं होगा। इसके साथ ही माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षा के दिनों से 15 दिन पूर्व किसी भी प्रकार के लाउड स्पीकर आदि के लिए अनुमति न दी जाए।
जिला शहीद भगत सिंह नगर की सीमा में लाउड स्पीकर व अन्य कोई भी वाद्य यंत्र आदि चलाने की अनुमति लेने के बावजूद भी रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 06:00 बजे तक किसी भी भवन व स्थान पर उपरोक्त किसी भी ध्वनि व वाद्य यंत्र आदि को चलाने/बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। 
इसके साथ ही सांस्कृतिक व धार्मिक अवसरों को छोड़कर रात्रि 10:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक, जो वर्ष में 15 दिन से अधिक नहीं होगा तथा ध्वनि का स्तर 10 डीबी (ए) से अधिक नहीं होगा। इसके अलावा निजी स्वामित्व वाली ध्वनि प्रणालियों व ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरणों का ध्वनि स्तर 5 डीबी (ए) से अधिक नहीं होगा।
जिला मैजिस्ट्रेट ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा उनके सब-डिवीजन में ध्वनि प्रदूषण के संबंध में कोई शिकायत सब-डिवीजनल मैजिस्ट्रेट को प्रस्तुत की जाती है, तो संबंधित सब-डिवीजनल मैजिस्ट्रेट मौके पर जाकर संबंधित उप पुलिस अधीक्षक तथा पर्यावरण इंजीनियर, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ समन्वय करके प्राप्त शिकायत के संबंध में आवश्यक जांच करेंगे। 
यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो अदालत द्वारा जारी निर्देशों तथा उक्त अधिनियम के तहत शिकायत में उल्लिखित किसी भी ध्वनि/संगीत यंत्र को हटाकर अपने कब्जे में ले लिया जाएगा तथा उक्त अधिनियम तथा इस आदेश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा प्राप्त शिकायत का अपने स्तर पर निपटारा किया जाएगा। 
सम्बन्धित उपमण्डल मजिस्ट्रेट की स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात जिन स्थानों पर किसी व्यक्ति द्वारा लाउडस्पीकर, ध्वनि/संगीत यंत्र आदि बजाए जाएंगे, उन स्थानों पर लाउडस्पीकर, ध्वनि/संगीत यंत्र आदि की ध्वनि कार्यक्रम/समारोह स्थल, धार्मिक स्थल व भवन आदि की सीमा के अन्दर होनी चाहिए, जो कि भारत सरकार द्वारा "ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000" के अन्तर्गत जारी अधिसूचना दिनांक 14.02.2000 में निर्धारित ध्वनि मानक (सम्बन्धित स्थान के ध्वनि मानक) से अधिक नहीं होनी चाहिए। 
जारी आदेशों के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पर्यावरण अभियंता, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा सभी उपमण्डल मजिस्ट्रेट भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करेंगे।