सरकार सहकारिता विभाग के संस्थानों में भ्रष्टाचार पर काबू पाए - बलवीर सिंह राजेवाल

चंडीगढ़, 20 मई- भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के अध्यक्ष श्री बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पंजाब में सहकारिता विभाग के विभिन्न संस्थानों की दयनीय स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो पंजाब में सहकारी आंदोलन पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

चंडीगढ़, 20 मई- भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के अध्यक्ष श्री बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि पंजाब में सहकारिता विभाग के विभिन्न संस्थानों की दयनीय स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो पंजाब में सहकारी आंदोलन पूरी तरह खत्म हो जाएगा। 
उन्होंने मांग की कि सहकारिता विभाग के विभिन्न संस्थानों में बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार पर काबू पाने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। इस संबंध में उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
पत्रकार सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि 30 जुलाई 2024 को सहकारिता विभाग में हुए बड़े घोटालों का उल्लेख करते हुए रजिस्ट्रार सहकारी समितियों पंजाब को एक मेमोरेंडम दिया गया था, लेकिन स्थिति वही थी और आज भी वही है।
उन्होंने बताया कि हाउसफेड, स्पिनफेड, और वीवको पूरी तरह डूब चुके हैं। सहकारी बैंक की कम से कम 68 शाखाएं घाटे में हैं, लैंड मॉर्गेज बैंक, जो किसानों को कृषि ऋण देने के लिए है, दो साल से अधिक समय से बंद है, शुगरफेड घाटे में है, सभी चीनी मिलें डूबने की कगार पर हैं, मार्कफेड भी घाटे में है और किसानों के लिए डीएपी जैसी खादों की समय पर व्यवस्था नहीं कर पा रहा, और मिल्कफेड भी डूब चुका है, जिसमें पंजाब के 12 में से 10 दूध संयंत्र भारी घाटे में हैं।
उन्होंने कहा कि 3 मार्च को किसान संगठनों के साथ हुई बैठक में 30 जुलाई 2024 को दिए गए मेमोरेंडम की प्रति रजिस्ट्रार को देकर जांच की मांग की गई थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। मामला वहीं नहीं रुका, बल्कि और बिगड़ता जा रहा है। इसके बाद कुछ और घोटाले सामने आए हैं, जिनमें लुधियाना मिल्क प्लांट में ऑडिट विभाग ने 1.11 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ा। 
जस्टिस वीसी गुप्ता (रिटायर्ड अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश) ने महाप्रबंधक सुरजीत सिंह को दोषी ठहराते हुए 1.11 करोड़ रुपये की वसूली की सिफारिश की। इस अधिकारी को 2024 में चार्जशीट भी की गई, लेकिन एक साल से अधिक बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि सहकारी दूध संयंत्रों में एक अजीब प्रथा चल रही है। महाप्रबंधक गैरकानूनी आदेश देकर स्टोर/मिल्क बार की जिम्मेदारी संभालने वाले छोटे कर्मचारी को देसी घी या अन्य दूध उत्पाद किसी अधिकारी या बड़े नेता के घर भेजने का हुक्म देता है, बिना किसी रिकॉर्ड के।
 यह हर संयंत्र में होता है, जिसके परिणामस्वरूप लुधियाना में 45 लाख, मोहाली में 10 लाख, और पटियाला में 30 लाख रुपये का स्टॉक कम है, जो मुफ्त में भेजा गया। रिकॉर्ड के अनुसार जिम्मेदारी स्टोर/मिल्क बार के प्रभारी की है, लेकिन आदेश जीएम साहब का होता है।
उन्होंने कहा कि लुधियाना मिल्क प्लांट में दूध की मात्रा, वसा, और एसएनएफ में 2023-24 और 2024-25 में 66 लाख रुपये का घोटाला किया गया। मोहाली मिल्क प्लांट में सैप सॉफ्टवेयर गायब करके 10 से 12 करोड़ रुपये का घोटाला लटक रहा है। मोहाली प्लांट की 83,000 ट्रे गायब होने से 1.68 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और इसमें 5 करोड़ का दूध भी गायब हुआ। लुधियाना मिल्क प्लांट के 74 लाख के व्हाइट बटर का स्टॉक गायब होना भी किसी जांच के अधीन नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि विभाग और सरकार ने इस तरह चुप्पी साधकर घोटालों पर पर्दा डालना जारी रखा तो पंजाब में सहकारी आंदोलन का अंत होने में देर नहीं लगेगी। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि आप पंजाब के संरक्षक हैं, आपकी पार्टी का हमेशा कट्टर ईमानदार होने का दावा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि व्यक्तिगत रुचि लेकर दोषियों को कटघरे में खड़ा किया जाए और सहकारी आंदोलन को बचाने और पटरी पर लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के महासचिव प्रविंदर सिंह चालकी, सचिव परमदीप सिंह बैदवान, मोहाली जिला अध्यक्ष किरपाल सिंह सियाओ, गुरविंदर सिंह इसरू, बलदीप सिंह संगतपुरा, और बलदेव सिंह चकल उपस्थित थे।