अंबेडकरवादी बौद्ध समुदाय से ऑकलैंड न्यू सेंटर, बर्मिंघम, यूके में डॉ. अंबेडकर की जयंती को समर्पित कार्यक्रम

हुशियारपुर- अंबेडकरवादी बौद्ध समुदाय यूके ने डॉ. भीम राव अंबेडकर को उनकी 134वीं जयंती पर समर्पित किया। विशेष कार्यक्रम ऑकलैंड न्यू सेंटर हैंडजबर्थ बर्मिंघम यूके में श्री रसम माहे की पूरी टीम द्वारा आयोजित।

हुशियारपुर- अंबेडकरवादी बौद्ध समुदाय यूके ने डॉ. भीम राव अंबेडकर को उनकी 134वीं जयंती पर समर्पित किया। विशेष कार्यक्रम ऑकलैंड न्यू सेंटर हैंडजबर्थ बर्मिंघम यूके में श्री रसम माहे की पूरी टीम द्वारा आयोजित।
कार्यक्रम को ज्ञान चंद दिवाली, सतपाल मनमन, बलराम सिद्धू, चंद्र शेखर गुरु, प्रभात भगानिया, डॉ. विशाल धमैया और श्री गुरु रविदास मंदिर बर्मिंघम के अध्यक्ष महिंदरपाल आदि ने संबोधित किया। इसका शुभारंभ श्री रेशम माहे जी और उनकी पत्नी श्रीमती बख्शो द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। 
इस अवसर पर प्रमुख वक्ताओं ने बावा साहिब जी के संघर्ष और भारत के लिए उनके योगदान के बारे में बताया। चर्चा की गई। वक्ताओं ने उनके द्वारा शुरू किए गए संघर्ष को जारी रखने पर जोर दिया और कहा कि डॉ. साहब सिर्फ किसी एक वर्ग या समूह के नेता नहीं थे बल्कि वे सभी भारतीयों के महान नेता थे।
 उनके द्वारा दिया गया संविधान आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहा है। भारत में तथा भारत से बाहर रहकर कुछ संप्रदायवादी सोच वाले लोग उनकी छवि को धूमिल करने तथा उन्हें खलनायक के रूप में चित्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। वे प्रयास कर रहे हैं, परंतु ऐसे लोग अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे। जब तक बावा साहब जीवित हैं, ध्रुव तारे की तरह चमकते रहेंगे। श्री. डॉ. कश्यप द्वारा बौद्ध धर्म की धार्मिक रस्में निभाई गईं। धर्म चंद महे ने स्टेज सचिव की भूमिका निभाई। 
इस अवसर पर प्रेम चमकीला तथा धर्मेंद्र मसानी ने मिशनरी गीतों से बाबा साहिब पर प्रकाश डाला तथा जोगिंदर महे योगी, धर्म चंद तथा प्यारा लाल बांगड़ ने अपनी कविताओं के माध्यम से डॉक्टर साहिब जी का गुणगान किया। विचारधारा से अवगत कराया। अन्य प्रमुख हस्तियों में लखविंदर बसरा तथा जसविंदर तलवन भी उपस्थित थे। सैन की संगत के लिए लंगर का विशेष प्रबंध किया गया था।