
आनंद मार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक श्री श्री आनंद मूर्ति जी की 104वीं जयंती का आयोजन
पटियाला- आनंद मार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक श्री श्री आनंद मूर्ति जी की 104वीं जयंती आनंद मार्ग जागृति 1368/13, गुरबख्श कॉलोनी, पटियाला में विश्व शांति के लिए बाबा नाम केवलम का 3 घंटे का अखंड कीर्तन आयोजित करके, जरूरतमंदों को असीमित लंगर की सेवा और जरूरतमंदों को मीठा पानी उपलब्ध कराकर मनाई गई।
पटियाला- आनंद मार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक श्री श्री आनंद मूर्ति जी की 104वीं जयंती आनंद मार्ग जागृति 1368/13, गुरबख्श कॉलोनी, पटियाला में विश्व शांति के लिए बाबा नाम केवलम का 3 घंटे का अखंड कीर्तन आयोजित करके, जरूरतमंदों को असीमित लंगर की सेवा और जरूरतमंदों को मीठा पानी उपलब्ध कराकर मनाई गई।
श्री प्रभात रंजन सरकार वर्ष 1921 में आनंद पूर्णिमा के शुभ दिन जमालपुर (बिहार) पहुंचे। उनके अनुयायियों ने प्रेम और सम्मान के प्रतीक के रूप में उनका आध्यात्मिक नाम श्री श्री आनंद मूर्ति रखा। आनंद मार्ग की नींव 1955 में रखी गई थी। वर्तमान में आनंद मार्ग पूरे विश्व में फैला हुआ है। आनन्द मार्ग का आदर्श वाक्य है संसार के लिए आत्म-साक्षात्कार, अर्थात् स्वयं को जानना और निःस्वार्थ भाव से संसार की सेवा करना।
श्री श्री आनन्द मूर्ति जी ने मानवता के कल्याण के लिए अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, भाषा विज्ञान, कृषि एवं इतिहास आदि विभिन्न विषयों पर 200 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें मानवता को हर क्षेत्र की प्रगति के लिए मार्गदर्शन मिलता है। इसके अलावा उन्होंने 5018 भक्ति गीतों की रचना स्वयं की। जिन्हें प्रभात संगीत के नाम से जाना जाता है। इस संस्था में हजारों भिक्षुओं ने अपना जीवन दान दिया है और वे दुनिया में इस दर्शन का प्रसार कर रहे हैं कि किस प्रकार मानवता का कल्याण हो सकता है और मनुष्य अपने सच्चे लक्ष्य तक पहुंचकर एक सुंदर मानव समाज का निर्माण कर सकता है।
पटियाला में आनंद मार्ग पर दो आश्रम हैं, एक गुरबख्श कॉलोनी 1368/13 में और दूसरा सी-6 जगदीश कॉलोनी में है। जहाँ योग और ध्यान की वैज्ञानिक पद्धति सिखाई जाती है। आगमन के इस पावन दिवस पर गुरबख्श कलोली आश्रम में तीन घंटे का अखंड कीर्तन एवं धार्मिक चर्चा का आयोजन किया गया। इसके बाद जरूरतमंदों को पूर्ण लंगर परोसा गया। इसके अलावा यह संस्था धर्मार्थ आधार पर 2 होम्योपैथिक डिस्पेंसरी, दो मिडिल स्कूल और एक फिजियोथेरेपी सेंटर चला रही है और हर महीने सैकड़ों लोग इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
