देश-विदेश में मानवता के कल्याण के लिए समर्पित सोसायटी सदस्य, हमारे अनमोल रत्न: ज्ञानी सरबजीत सिंह

नवांशहर- भौतिकवाद के युग में हर व्यक्ति, चाहे वह देश में रहता हो या विदेश में, अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए धन कमाने के लिए कड़ी मेहनत करता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो परिवार के अलावा पूरी मानवता के कल्याण के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोग गुरु नानक साहिब जी के पवित्र सिद्धांत "जो कुछ भी तुम्हारे पास है, उसे खाओ, जरूरतमंदों को दो" के मार्ग पर चलते हुए अपनी नेक कमाई का दसवां हिस्सा जरूरतमंदों के दुख-दर्द में मदद करते हैं और समय-समय पर यह सेवा उन संस्थाओं को भेजते हैं जिनके प्रदर्शन से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं।

नवांशहर- भौतिकवाद के युग में हर व्यक्ति, चाहे वह देश में रहता हो या विदेश में, अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए धन कमाने के लिए कड़ी मेहनत करता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो परिवार के अलावा पूरी मानवता के कल्याण के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोग गुरु नानक साहिब जी के पवित्र सिद्धांत "जो कुछ भी तुम्हारे पास है, उसे खाओ, जरूरतमंदों को दो" के मार्ग पर चलते हुए अपनी नेक कमाई का दसवां हिस्सा जरूरतमंदों के दुख-दर्द में मदद करते हैं और समय-समय पर यह सेवा उन संस्थाओं को भेजते हैं जिनके प्रदर्शन से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। 
यह विचार गुरु नानक मिशन सेवा सोसायटी के मुख्य संरक्षक ज्ञानी सरबजीत सिंह ने यू.के. में सोसायटी की सेवाओं के लिए समर्पित सदस्य श्री बलराज सिंह के घर पर व्यक्त किए तथा उन्हें विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर सोसायटी के वरिष्ठ सदस्य सेवानिवृत्त डी.एस.पी. दीदार सिंह गहूं भी उनके साथ थे। 
उन्होंने कहा कि बलराज सिंह जैसे लोग न केवल धार्मिक व समाज सेवा कार्यों में अपना तन-मन-धन लगाते हैं, बल्कि समय-समय पर सोसायटी की गतिविधियों के लिए समर्पित भी रहते हैं। ऐसे सदस्य सोसायटी के अमूल्य रत्न हैं, जिनकी बदौलत सोसायटी अपने मार्ग पर विश्वास व मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। 
मुख्य सेवादार सुरजीत सिंह ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि सोसायटी के मुख्य संरक्षक जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो वे ऐसे सदस्यों से अवश्य मिलते हैं तथा सोसायटी की ओर से उनका सम्मान भी करते हैं। इस अवसर पर दीदार सिंह जी ने सोसायटी की ओर से परिवार का आभार व्यक्त किया। अपने विदेश दौरे के दौरान वे सोसायटी की अन्य सेवाओं से जुड़े परिवारों से भी मिलेंगे।