मोटापा, शरीर का भारी होना भी वास्तु दोष के कारण हो सकता है-डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री

होशियारपुर 2 मई- मानव जीवन में सात प्रकार के सुखों को महत्व दिया गया है। इन सात सुखों में सबसे महत्वपूर्ण सुख है निरोगी काया। हमारा शरीर तभी तक निरोगी रहेगा जब तक हमारा खान-पान सही रहेगा और जिस घर में हम रहते हैं उसका वास्तु सही रहेगा। यह मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ एवं लेखक डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री का। वर्तमान समय में महिलाएं मोटापे से परेशान हैं, इसका एक कारण यह भी है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा घर की चार दीवारी के भीतर अधिक समय बिताती हैं।

होशियारपुर 2 मई- मानव जीवन में सात प्रकार के सुखों को महत्व दिया गया है। इन सात सुखों में सबसे महत्वपूर्ण सुख है निरोगी काया। हमारा शरीर तभी तक निरोगी रहेगा जब तक हमारा खान-पान सही रहेगा और जिस घर में हम रहते हैं उसका वास्तु सही रहेगा। 
यह मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तु विशेषज्ञ एवं लेखक डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री का। वर्तमान समय में महिलाएं मोटापे से परेशान हैं, इसका एक कारण यह भी है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा घर की चार दीवारी के भीतर अधिक समय बिताती हैं।
 वास्तु के अनुसार वास्तु कोण में शयन कक्ष होने से मानसिक अवसाद होता है और खाने-पीने में बाधा आती है। दूसरे, अग्नि कोण का संबंध तनाव, अलगाव और बढ़े हुए अग्नि कोण से भी है, जल प्रदूषित अग्नि कोण मोटापे का कारण बनता है। यदि ईशान कोण भी उपरोक्त दोषों से प्रदूषित है तो महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी मोटापे का शिकार हो जाते हैं। इन तीनों कोनों के दोषों में से दक्षिण दिशा आग में घी का काम करती है। 
जहां दक्षिण दिशा प्रदूषित होती है, वहां लंबे और सुगठित, स्वस्थ शरीर की कल्पना निरर्थक लगती है। यदि उपरोक्त दोषों में ईशान कोण के दोष भी जुड़ जाएं तो मोटापा तेजी से बढ़ने लगता है। घर के वास्तु में सुधार करके आप सुंदर, सुगठित, आकर्षक और स्वस्थ बन सकते हैं।