
पेक और भारतीय मानक ब्यूरो का सहयोग: शिक्षा, इनोवेशन और गुणवत्ता को मिलेगा नया आयाम
चंडीगढ़ : 02 मई, 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने आज भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), चंडीगढ़ शाखा कार्यालय के साथ मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
चंडीगढ़ : 02 मई, 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने आज भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), चंडीगढ़ शाखा कार्यालय के साथ मानकीकरण और अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
बीआईएस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्री एच.जे.एस. पसरीचा (डिप्टी डायरेक्टर - सर्टिफिकेशन और सीएसएम), श्रीमती स्नेहलता (डिप्टी डायरेक्टर - नार्थ), और श्री विशाल तोमर (निदेशक एवं हेड, बीआईएस, चंडीगढ़ शाखा) ने किया। उनका गर्मजोशी से स्वागत प्रो. राजेश कुमार भाटिया (निदेशक, पीईसी), प्रो. राजेश कांडा (हेड - एलुमनाई, कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स), डॉ. जिम्मी करलूपिया (प्रोफ़ेसर-इंचार्ज, एलुमनाई, कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स), प्रो. परवीन कालरा, प्रो. नीलम रूप प्रकाश और सुश्री सरुचि (एलुमनाई रिलेशन्स मैनेजर) ने किया।
यह औपचारिक हस्ताक्षर समारोह पीईसी परिसर में 2 मई, 2025 को सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित हुआ। प्रो. राजेश कांडा ने बीआईएस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए इस सहयोगात्मक प्रयास की सराहना की और इसे इनोवेशन, सहयोग और विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम बताया।
श्री एच.जे.एस. पसरीचा, पेक के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र (मैकेनिकल इंजीनियरिंग, बैच 1987), ने एमओयू के प्रमुख उद्देश्यों और बीआईएस की वर्तमान पहलों की जानकारी दी। इस सहयोग के माध्यम से पेक को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण गतिविधियों में भागीदारी, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, अनुरूपता मूल्यांकन के लिए आईटी समाधान विकसित करने और मानकीकरण के लिए शैक्षणिक योगदान देने का अवसर मिलेगा। अनुसंधान परियोजनाओं के लिए अवसंरचना और वित्तीय सहायता की भी संयुक्त योजना बनाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, सेमिनार, कार्यशालाएं, प्रशिक्षण कार्यक्रम, शिक्षण मॉड्यूल तैयार करना और शोध व प्रकाशनों को साझा करना इस सहयोग का हिस्सा होगा।
एमओयू का एक प्रमुख पहलू यह है, कि पेक में मानकीकरण पर एक सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना की संभावना को शामिल किया गया है। साथ ही यह समझौता पेक की फैकल्टी के लिए कंसल्टेंसी भूमिका निभाने और बीआईएस की अनुरूपता मूल्यांकन प्रक्रियाओं में पीईसी की प्रयोगशालाओं के उपयोग का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
प्रो. राजेश कुमार भाटिया ने श्री एच.जे.एस. पसरीचा को इस दूरदर्शी पहल के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया और पूर्व छात्रों की भूमिका को पेक की अकादमिक वृद्धि और उत्कृष्टता की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने पेक की "एक्सीलेंस और इनोवेशन" की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
श्रीमती स्नेहलता (डिप्टी डायरेक्टर - नार्थ) ने इस सहयोग की रणनीतिक योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की और इसे एक सशक्त ज्ञान-साझाकरण मंच के रूप में स्थापित करने की संभावनाओं को रेखांकित किया। श्री विशाल तोमर ने पेक में विभाग-विशेष स्टैंडर्ड्स क्लब्स के गठन का प्रस्ताव रखा, जिससे छात्र और फैकल्टी मेंबर्स बीआईएस की मानकीकरण गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सकें।
यह समझौता शैक्षणिक संस्थानों और राष्ट्रीय मानक एजेंसियों के बीच एक सशक्त रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, इनोवेशन और गुणवत्ता आधारित संस्कृति को सशक्त करना है।
