
पंजाबी साहित्य सभा पटियाला पंजाबी साहित्यिक 'ई' पत्रिका 'विरसा' जनता के लिए प्रस्तुत
पटियाला, 13 दिसंबर - पंजाबी साहित्यिक पत्रकारिता के विकास में "ई" पत्रिकाओं का अपना महत्व है, जो कम समय में एक बड़े पाठक वर्ग के साथ संबंध स्थापित करके मातृभाषा का गौरव बढ़ा रही हैं। पीढ़ी अपने मूल्यों को महत्व देती है। पृष्ठभूमि बदलती जा रही है, ऐसे में पंजाबी भाषा में अस्तित्व में आने वाली 'ई' पत्रिकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।"
पटियाला, 13 दिसंबर - पंजाबी साहित्यिक पत्रकारिता के विकास में "ई" पत्रिकाओं का अपना महत्व है, जो कम समय में एक बड़े पाठक वर्ग के साथ संबंध स्थापित करके मातृभाषा का गौरव बढ़ा रही हैं। पीढ़ी अपने मूल्यों को महत्व देती है। पृष्ठभूमि बदलती जा रही है, ऐसे में पंजाबी भाषा में अस्तित्व में आने वाली 'ई' पत्रिकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।"
ये शब्द पंजाबी साहित्य सभा (रजि.)पटियाला द्वारा भाषा विभाग में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान व्यक्त करते हुए सभा के अध्यक्ष डॉ. दर्शन सिंह अष्ट ने नई पंजाबी साहित्यक 'ई' पत्रिका विरसा का विमोचन करते हुए संपादक हरविंदर सिंह गुलाम और सह-संपादक प्रीत कौर प्रीति को बधाई देते हुए कहा कि सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के आपसी सहयोग से भाषा और साहित्य में नए और ठोस रुझान सामने आ सकते हैं और इस दिशा में और अधिक काम करने की जरूरत है हरविंदर सिंह गुलाम पत्रिका 'विरसा' के संपादक ने कहा कि उनका मूल प्रयास इस पत्रिका के माध्यम से पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत की सच्ची भावना को सामने लाना होगा ताकि पंजाबियत का झंडा फहराया जा सके। इस मौके पर पंडितराव धरनवार, नवदीप ढींगरा, परमजीत सिंह, दर्शन बुट्टर, डॉ. राजिंदर कौर, दलबीर सिंह धालीवाल, कृष्ण कुमार शर्मा काकड़ा, सतनाम सिंह मट्टू, बाबू सिंह रहल, हरप्रीत सिंह राणा, दविंदर पटियालवी, गुरप्रीत सिंह जखवाली और इस अवसर पर अंग्रेज सिंह विर्क सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
