बीबीएमबी का फैसला पंजाब के लिए झटका, पंजाबियों के खिलाफ गहरी साजिश: डॉ. राज कुमार चब्बेवाल

होशियारपु- लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने पंजाब सरकार के कड़े विरोध के बावजूद भाखड़ा बांध से पड़ोसी राज्य हरियाणा को पंजाब के हिस्से का 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी तुरंत उपलब्ध कराने के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के फैसले को पंजाब के लिए झटका और पंजाबियों के खिलाफ गहरी साजिश करार दिया है।

होशियारपु- लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने पंजाब सरकार के कड़े विरोध के बावजूद भाखड़ा बांध से पड़ोसी राज्य हरियाणा को पंजाब के हिस्से का 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी तुरंत उपलब्ध कराने के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के फैसले को पंजाब के लिए झटका और पंजाबियों के खिलाफ गहरी साजिश करार दिया है।
लोकसभा सदस्य डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के फैसले को पंजाब के पानी पर डकैती करार देते हुए कहा कि राज्य के अधिकारों से सीधे जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों को पंजाब के हितों के लिए खड़ा होना चाहिए ताकि संघीय ढांचे पर हमले की इस नापाक साजिश को नाकाम किया जा सके।
 उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले के आंकड़ों के अनुसार भाखड़ा डैम व पौंग डैम में पानी का स्तर कम दर्ज किया गया, वहीं दूसरी ओर हरियाणा की 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की मांग को कैसे पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब में स्वच्छ पेयजल की कमी का संकट पहले ही हर साल गहराता जा रहा है और दूसरी ओर नदियों में पानी का बहाव कम होने के कारण राज्य में पानी की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया है।
 उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा हरियाणा को अवैध रूप से पानी देने के लिए पंजाब की बांह मरोड़ना राज्यों की संप्रभुता पर सीधा हमला है, जो बर्दाश्त से बाहर है। सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल ने आगामी धान सीजन का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पहले ही कह चुके हैं कि पंजाब के पास जरूरत से कम पानी है और हरियाणा, जिसने अब तक अपने हिस्से से ज्यादा पानी ले लिया है, को और पानी नहीं दिया जा सकता। 
उन्होंने कहा कि बीबीएमबी की बोर्ड मीटिंग बुलाकर तथा गैर कानूनी ढंग से प्रस्ताव पारित करके पंजाब सरकार द्वारा पंजाब के अधिकारों की बुरी तरह से अनदेखी की गई है, परन्तु पंजाब सरकार राज्य के अधिकारों को छीनने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि इस समय सभी दलों को अपने तुच्छ राजनीतिक हितों को दरकिनार करके पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए।