
निष्काम सेवा क्लब ने मेहनतकश मजदूरों के साथ अंतरराष्ट्रीय मई दिवस मनाया- नौलखा
पटियाला 22 नंबर पाठक में मई दिवस मनाते हुए निष्काम सेवा क्लब रजि. के अध्यक्ष एन.एस. नौलखा ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की कंपनियों के मालिकों ने अपनी मर्जी से 15 घंटे काम कराना शुरू कर दिया। मजदूरों ने कंपनी मालिकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और विद्रोह किए।
पटियाला 22 नंबर पाठक में मई दिवस मनाते हुए निष्काम सेवा क्लब रजि. के अध्यक्ष एन.एस. नौलखा ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की कंपनियों के मालिकों ने अपनी मर्जी से 15 घंटे काम कराना शुरू कर दिया। मजदूरों ने कंपनी मालिकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और विद्रोह किए।
कंपनियों के मालिक यह भूल गए थे कि किसी भी देश, समाज, संस्था और उद्योग के विकास में मजदूर और मेहनतकश लोगों की अहम भूमिका होती है। मजदूरों की बदौलत ही आज दुनिया भर के देश विकसित हुए हैं। 1 मई 1886 को भारत में कंपनी मालिकों की मर्जी के खिलाफ मजदूरों ने आठ घंटे काम की मांग उठाई।
जब उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया तो मजदूर यूनियन ने हड़ताल करने का फैसला किया और काम बंद करके अमेरिका के शिकागो शहर में हड़ताल कर दी। हड़ताल अभी चौथे दिन में ही थी कि वहां एक शक्तिशाली बम फटा, जिससे शांतिपूर्ण मई धरने में जोरदार हंगामा मच गया और चारों तरफ भगदड़ मच गई। लेकिन मजदूर अपनी मांगों से पीछे नहीं हटे और अपना शांतिपूर्ण मई दिवस प्रदर्शन जारी रखा।
मजदूरों को तितर-बितर करने के लिए सरकार ने वहां की पुलिस से उन पर आंसू गैस के गोले दागवाए, जिसमें दर्जनों मजदूर मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। दमनकारी कंपनी मालिकों के खिलाफ चल रहे विद्रोह को नजरअंदाज करते हुए सरकार ने मेहनतकश मजदूरों की आठ घंटे काम करने की मांग मान ली। इसीलिए शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मई दिवस मनाया जाता है और इस दिन छुट्टी भी घोषित की गई। आज मई दिवस 80 देशों में मनाया जा रहा है।
लेकिन भारत में इस दिन को हर साल यूनियन नेता कामरेड सिंगारवेलु चित्तर ने 1923 में चेन्नई में मद्रास उच्च न्यायालय के सामने शहीद दिवस के रूप में मनाया था और इसे हर साल शहादत दिवस के रूप में मनाने और इस दिन सरकारी छुट्टी करने का प्रस्ताव पारित किया गया था एन.एस. नवलखा और गुरचरण सिंह खालसा ने मेहनतकश मजदूरों की आवाज पंजाब सरकार तक पहुंचाई। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मैं आज के दिन अपील करता हूं कि पंजाब के मेहनतकश मजदूरों पर हर तरह का अत्याचार करने की बजाय उनकी जायज मांगों को तुरंत मान लिया जाए।
जिससे मानवता का भला होगा और पंजाब विद्रोह की बजाय तरक्की की ओर बढ़ेगा। मई दिवस पर शिकागो के शहीदों को कोटि-कोटि नमन। अश्वनी शर्मा दुलड़ी, गुरदेव सिंह, अजायब सिंह, केवल सिंह, प्यारा सिंह, भूपिंदर सिंह, जगतार सिंह, जगदीश सिंह, सुरजीत सिंह और मनोज कुमार आदि।
