भाषा विभाग द्वारा डॉ. तीर का बाल कहानी संग्रह 'गुड जॉब लोक-अर्पण'

होशियारपुर- जिला भाषा कार्यालय में जिला भाषा अधिकारी डा.जसवंत राय व पूर्व जिला लोक संपर्क अधिकारी प्रोफेसर बलदेव सिंह बल्ली की अध्यक्षता में; डॉ. मनमोहन सिंह तीर के बच्चों की कहानी संग्रह 'गुड जॉब' की सार्वजनिक प्रस्तुति के लिए एक लघु कार्यक्रम आयोजित किया गया था। भाषा विभाग कार्यालय में लेखकों का स्वागत करते हुए और डॉ. मनमोहन सिंह तीर को बधाई देते हुए डॉ. जसवन्त रॉय ने कहा कि डॉ. तीर हुरान ने पाकिस्तानी पंजाबी कहानी पर बहुत अच्छा काम किया है।

होशियारपुर- जिला भाषा कार्यालय में जिला भाषा अधिकारी डा.जसवंत राय व पूर्व जिला लोक संपर्क अधिकारी प्रोफेसर बलदेव सिंह बल्ली की अध्यक्षता में; डॉ. मनमोहन सिंह तीर के बच्चों की कहानी संग्रह 'गुड जॉब' की सार्वजनिक प्रस्तुति के लिए एक लघु कार्यक्रम आयोजित किया गया था। भाषा विभाग कार्यालय में लेखकों का स्वागत करते हुए और डॉ. मनमोहन सिंह तीर को बधाई देते हुए डॉ. जसवन्त रॉय ने कहा कि डॉ. तीर हुरान ने पाकिस्तानी पंजाबी कहानी पर बहुत अच्छा काम किया है।
 अब तक आधा दर्जन से अधिक किताबें लिख चुके डॉ. तीर ने कहानियों के साथ-साथ यात्रा वृतांत और बाल साहित्य पर भी अपनी कलम को परिपक्व किया है। लंबे समय तक स्कूलों और कॉलेजों में अध्यापन के पेशे से जुड़े रहे डॉ. तीर ने लेखन में भी सामाजिक सरोकारों को पीछे नहीं छोड़ा। उनके द्वारा लिखा गया बाल साहित्य बाल मनोविज्ञान पर आधारित है। हैंडबुक 'गुड जॉब' के बारे में बात करते हुए प्रोफेसर बल्ली ने कहा कि इसमें लिखी कहानियां बच्चों के मन की बात कहती हैं.
बच्चों का भारी बोझ, ढेर सारा होमवर्क, खेल-कूद के बिना जीवन, बोझिल माहौल, नैतिक शिक्षा का अभाव ऐसे कई कारण हैं जो बच्चों के दिमाग को खराब करते हैं और अच्छे व्यक्तित्व के विकास में बाधा डालते हैं। परीक्षा का डर और शिक्षा प्रणाली में नए अनुभव भी बच्चों की रचनात्मकता को चुनौती दे रहे हैं।
 एक प्रबुद्ध बाल लेखक की भूमिका निभाते हुए डॉ. तीर ने इस पुस्तक में इन सभी बातों को न केवल इंगित किया है, बल्कि अपनी कहानी के माध्यम से उन्हें बच्चों के संतुलित विकास से जोड़ा है। यह पुस्तक निःसंदेह पंजाबी साहित्य, विशेषकर पंजाबी बाल साहित्य को उल्लेखनीय बढ़ावा देने वाली पुस्तक है। राष्ट्रीय सूचना केंद्र के प्रमुख प्रदीप सिंह ने भी बच्चों की किताब के लिए डॉ. तिर ह्यूरन को बधाई दी। इस समय राजबीर सिंह, अवतार ठाकुर, लाल सिंह, पुष्पा रानी व साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।