मेयर द्वारा प्रशासक के साथ फोटो शूट पर नया विवाद*

चंडीगढ़- (पार्षद और आम आदमी पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष प्रेम लता द्वारा मेयर की कार्यप्रणाली पर सवाल) मेयर हरप्रीत बबला आजकल चंडीगढ़ के प्रशासक के साथ आए दिन मीटिंग कर रही है और अखबारों में उनके फोटो शूट काफी छप रहे हैं । कभी राजभवन में अपने पति और बी जे पी के अन्य नेताओं के साथ चाय पार्टी में या फिर कभी किसी अन्य सार्वजनिक समारोह में। पार्षद ने पूछा कि चाय की चुस्कियां भरते हुए क्या उन्हें निगम की वित्तीय हालत की याद आई या फिर क्या उनके मन में चंडीगढ़ के कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए ख्याल आया?

चंडीगढ़- (पार्षद और आम आदमी पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष प्रेम लता द्वारा मेयर की कार्यप्रणाली पर सवाल) मेयर हरप्रीत बबला आजकल चंडीगढ़ के प्रशासक के साथ आए दिन मीटिंग कर रही है और अखबारों में उनके फोटो शूट काफी छप रहे हैं । कभी राजभवन में अपने पति और बी जे पी के अन्य नेताओं के साथ चाय पार्टी में या फिर कभी किसी अन्य सार्वजनिक समारोह में। पार्षद ने पूछा कि चाय की चुस्कियां भरते हुए क्या उन्हें निगम की वित्तीय हालत की याद आई या फिर क्या उनके मन में चंडीगढ़ के कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए ख्याल आया?
एक तरफ तो चंडीगढ़ की जनता नए और भारी भरकम टैक्स को लेकर दुखी हैं और हजारों कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह नहीं मिल रही दूसरी और मेयर हर रोज़ अपने फोटो शूट में व्यस्त हैं। मैं मेयर  को याद करवाना चाहती हूं की जब वह पूर्व मेयर कुलदीप को बोलती थी कि उन्होंने अपने कार्यकाल में पार्षदों को  गोवा का सरकारी टूर नहीं करवाया और ना ही तीज पर कोई उपहार दिए। अब मेयर ने तीज के उपहार तो क्या देने है आम लोगों को तनख्वाह न देकर उनकी थाली के निवाले भी छीने जा रहे हैं।
   अभी कुछ दिन पहले बी जे पी के अध्यक्ष और मेयर ने प्रॉपर्टी टैक्स की बढ़ोतरी को वापस लेने और निगम को वित्तीय ग्रांट ना मिलने पर अपनी पार्टी के सारे पार्षदों सहित इस्तीफा देने का जुमला छोड़ा था। इस बात से साफ है कि उन्होंने अपने आप को फ्लॉप मेयर मान चुकी हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि 30 तारीख को आने वाले हाउस मीटिंग में वह अपना त्यागपत्र सौंप देगी और अपना चार्ज सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को सौंप देगी। यदि यह सब कुछ नहीं होता तो इस हाउस मीटिंग में वही ताला लेते आना जो कि उनके पति कांग्रेस में होते हुए लेकर आए थे।  
    गृहमंत्री जी से  मिलने के बाद उन्होंने भी मेयर  ने कहा था कि चंडीगढ़ को गृहमंत्री जी ने उन्हें जल्दी ही निगम को वित्तीय ग्रांट देने को कहा लेकिन अब तो महीने बीत जाने के बाद ग्रांट तो क्या मिलनी थी उल्टा चंडीगढ़ की जनता के ऊपर नए नए टैक्स का बोझ डाल दिया।