नाटककार एवं निर्देशक संजीवन के साथ एक आमने-सामने का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

एसएएस नगर, 12 अप्रैल: जिला भाषा कार्यालय कपूरथला ने बेबे नानकी यूनिवर्सिटी कॉलेज, मिठड़ा में नाटककार और नाटक निर्देशक संजीवन के साथ एक आमने-सामने कार्यक्रम का आयोजन किया।

एसएएस नगर, 12 अप्रैल: जिला भाषा कार्यालय कपूरथला ने बेबे नानकी यूनिवर्सिटी कॉलेज, मिठड़ा में नाटककार और नाटक निर्देशक संजीवन के साथ एक आमने-सामने कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस अवसर पर रंगकर्मी, डीडी पंजाबी एवं आकाशवाणी के स्टेज मैनेजर गुरविंदर सिंह ने कहा कि साढ़े चार दशक से पंजाबी रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय संजीवन पिछले ढाई दशक से इप्टा पंजाब का नेतृत्व कर रहे हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु और टिकरी में चल रहे किसान आंदोलन में संजीवन ने नाटक, नुक्कड़ नाटक और गायन के माध्यम से किसानों और मजदूरों के आंदोलन का समर्थन किया, जनता और किसानों के मुद्दों का जिक्र और चिंता की, इप्टा के कलाकारों को शामिल किया।
आमने-सामने के समारोह के दौरान एक छात्र द्वारा पूछे गए प्रश्न, "सर, आप अपनी जीवनी कब लिखेंगे?" के उत्तर में उन्होंने कहा, "सबसे पहले तो मेरे जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके बारे में लिखने की आवश्यकता हो।" उन्होंने कहा कि यदि मैं अपनी जीवनी लिखूंगा तो वह नाटक के रूप में होगी और नाटक का नाम होगा "गंडा-बंदा"।
समागम के दौरान इप्टा पंजाब के महासचिव इंद्रजीत सिंह रूपोवाली ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इप्टा पंजाब में 1943 में प्रमुख फिल्मी हस्तियों पृथ्वीराज कपूर, कैफी आजमी और 1950 में तेरा सिंह चन्न, सुरिंदर कौर (लोक गायिका) आदि के प्रयासों से अस्तित्व में आई। जिला भाषा अधिकारी श्रीमती जसप्रीत कौर के मार्गदर्शन में शुरू किए गए साहित्यिक और रू-ब-रू समागमों की श्रृंखला के दौरान संजीवन सिंह के रू-ब-रू समागम में कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. जगसीर सिंह के अलावा डॉ. परमजीत कौर और डॉ. हरजिंदर कौर ने अपने प्रयासों से बड़ी सफलता हासिल की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कॉलेज के विद्यार्थियों के अलावा इप्टा कपूरथला के अध्यक्ष डॉ. हरभजन सिंह, इप्टा की राज्य सचिव सरबजीत रूपोवाली, रमिंदर कौर, मनीष कुमार, सलमान और स्वराज कौर भी उपस्थित थे।