
नवजोत साहित्य संस्था और ने विद्यार्थियों के साथ 'साहित्यिक सांझ' कार्यक्रम का आयोजन किया
मुकंदपुर, 10 अप्रैल- नवजोत साहित्य संस्था और ने अमरदीप सिंह शेरगिल मेमोरियल कॉलेज मुकंदपुर में 'साहित्यिक सांझ' कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के विभिन्न कक्षाओं से संबंधित विद्यार्थी तथा संस्था के विभिन्न पदाधिकारी बारी-बारी से अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे। विद्यार्थी प्रतियोगियों में हरप्रीत रत्तू, अरमान, नेहा, अवनीत मेहमी, युवराज नर, बंदना ने कविता, गीत व भाषण के माध्यम से अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
मुकंदपुर, 10 अप्रैल- नवजोत साहित्य संस्था और ने अमरदीप सिंह शेरगिल मेमोरियल कॉलेज मुकंदपुर में 'साहित्यिक सांझ' कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के विभिन्न कक्षाओं से संबंधित विद्यार्थी तथा संस्था के विभिन्न पदाधिकारी बारी-बारी से अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे। विद्यार्थी प्रतियोगियों में हरप्रीत रत्तू, अरमान, नेहा, अवनीत मेहमी, युवराज नर, बंदना ने कविता, गीत व भाषण के माध्यम से अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
अन्य संस्थानों से काव्य रचनाएं प्रस्तुत करने वालों में रजनी शर्मा, नीरू जस्सल, अमर जींद, दविंदर स्कोहपुरी, देस राज बाली, हरमिंदर हैरी व हरी किशन पटवारी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से उपस्थित होकर समां बांधा। इस अवसर पर दीवान टोडरमल विरासत फाउंडेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष समाजसेवी किरपाल सिंह ब्लॉकीपुर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।
उन्होंने इस अवसर पर सम्मान समारोह आयोजित किया तथा संस्था व कॉलेज के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने पंजाबी साहित्य के प्रति दोनों संस्थाओं द्वारा दिखाए गए समर्पण की भी सराहना की। इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. चरणजीत कौर मान व संस्था के अध्यक्ष सुरजीत मजारी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।
उन्होंने अपने विचार भी साझा किए तथा सामाजिक बदलाव के लिए रचनात्मक साहित्य को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर संस्था के सचिव राजिंदर जस्सल ने मंच का संचालन किया तथा संस्था की मासिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर गुरचरण सिंह शेरगिल, प्रो. शमशाद अली, सुरिंदर सिंह ढींडसा, गुरनेक शेर, रविंदर सिंह मल्लंबेडियां भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि उक्त संस्था चार दशकों से साहित्य क्षेत्र में साहित्यिक सेवाएं दे रही है तथा अब तक के सफर में इसने अपने संस्थापक प्रख्यात गजलगो गुरदयाल रोशन के नेतृत्व में चालीस पुस्तकें भी प्रकाशित की हैं।
