गर्मी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

होशियारपुर- आने वाले दिनों में गर्मी के मौसम में दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी होने के आसार हैं। इस बार गर्मी के शुरुआती मौसम में ही तापमान में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ने लोगों से गर्मी से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है।

होशियारपुर- आने वाले दिनों में गर्मी के मौसम में दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी होने के आसार हैं। इस बार गर्मी के शुरुआती मौसम में ही तापमान में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ने लोगों से गर्मी से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है।
लोगों से स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने की अपील करते हुए डॉ. पवन कुमार ने कहा कि यह अधिक तापमान शरीर के तापमान नियंत्रण तंत्र को बाधित करता है और गर्मी से होने वाली बीमारियों का कारण बनता है। मई और जून के महीनों में लू चलने की संभावना अधिक रहती है और इस दौरान आम लोगों के साथ-साथ खास तौर पर जोखिम वाली श्रेणी में आने वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
 उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक के लक्षणों में शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना, बेहोशी/प्रलाप, चक्कर आना, त्वचा का रूखा व लाल होना, अत्यधिक कमजोरी, तेज सिर दर्द, उल्टी आदि शामिल हैं। 
सिविल सर्जन ने बताया कि इस स्थिति में मरीज को प्राथमिक उपचार देना जरूरी है जैसे कि कपड़े ढीले व कम करना, उसे ठंडी जगह पर ले जाना, शरीर पर बर्फ/आइस पैक रखना, साथ ही मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना बहुत जरूरी है ताकि उचित उपचार से मरीज की जान बचाई जा सके। संभव हो तो मरीज को वातानुकूलित वाहन में अस्पताल ले जाना चाहिए। 
अगर मरीज को अस्पताल ले जाने में देरी होती है तो स्थिति जोखिम भरी हो सकती है। डॉ. पवन ने बताया कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। गर्मी के मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें। नींबू पानी, लस्सी, ओआरएस व अन्य तरल पदार्थ के साथ चीनी व नमक शरीर में पानी की सही मात्रा बनाए रखते हैं। 
इस बारे में बात करते हुए डॉ. जगदीप सिंह ने बताया कि नवजात व छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग, मोटे लोग, मानसिक रूप से बीमार लोग, शारीरिक रूप से बीमार लोग, खासकर जिन्हें हृदय रोग या उच्च रक्तचाप, अनियंत्रित मधुमेह, अत्यधिक शराब का सेवन, धूप में काम करने वाले मजदूर, एथलीट, गर्मी के हिसाब से कपड़े न पहनने वाले लोगों को हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक हो सकता है। 
डॉ. जगदीप ने बताया कि कुछ बातों का विशेष ध्यान रखकर हीटस्ट्रोक से बचा जा सकता है। जैसे, सूती और ढीले कपड़े पहनें जो पसीने के जरिए शरीर को ठंडा रखने में मदद करें। दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच धूप में बाहर जाने से बचें। ठंडी जगह से गर्म मौसम में बाहर जाना नुकसानदायक हो सकता है। 
अपने सिर को सीधी धूप से बचाने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का इस्तेमाल करें। नंगे पैर बाहर न जाएं, धूप में निकलते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें। तरबूज, संतरा, अंगूर, खीरा और टमाटर जैसे मौसमी फल और सब्जियां खाएं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड और अतिरिक्त मीठे पेय से बचें क्योंकि ये वास्तव में शरीर के तरल पदार्थों को कम करते हैं। आँखों की सुरक्षा के लिए काला चश्मा पहनें। लंबे समय तक धूप में खड़ी गाड़ियों में बैठते समय सावधान रहें।