
गुरुद्वारा यादगार बाबा बंदा सिंह बहादुर जी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया
गढ़शंकर, 2 अप्रैल- सिख पंथ के महान योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की याद में यहां बनाए गए गुरुद्वारा साहिब में आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश किया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इलाके की सभी संगतों द्वारा पूरे उत्साह के साथ शहर भ्रमण करते हुए गढ़शंकर के गुरुद्वारा भाई तिलकू जी साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को लाया गया।
गढ़शंकर, 2 अप्रैल- सिख पंथ के महान योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की याद में यहां बनाए गए गुरुद्वारा साहिब में आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश किया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इलाके की सभी संगतों द्वारा पूरे उत्साह के साथ शहर भ्रमण करते हुए गढ़शंकर के गुरुद्वारा भाई तिलकू जी साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को लाया गया।
पालकी में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का गढ़शंकर शहर के विभिन्न इलाकों में संगतों द्वारा पुष्प वर्षा के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सरदार सतपाल सिंह ने बोलते हुए सभी संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी।
उन्होंने कहा कि कनाडा दौरे के दौरान उन्होंने बाबा बंदा सिंह बहादुर जी की याद में वहां बने गुरुद्वारा साहिब से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस गुरु घर को बनाने का निर्णय लिया था। जिस पर क्षेत्र भर से आई संगत ने भरपूर सहयोग दिया और आज हम एक सुंदर गुरु घर बनाने में सफल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस कार्य को करने में संत बाबा सुच्चा सिंह जी कार सेवा किला श्री आनंदगढ़ साहिब और संत बाबा सतनाम सिंह जी कार सेवा वाले किला आनंदगढ़ साहिब का सहयोग और आशीर्वाद बहुत ही बहुमूल्य और महान रहा है और इन महापुरुषों के आशीर्वाद के कारण ही यह कार्य संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि श्री अमृतसर साहिब से श्री आनंदपुर साहिब तक के मार्ग पर बाबा बंदा सिंह बहादुर की याद में कोई गुरु घर नहीं बनाया गया था, इसलिए उन्होंने इस कार्य की योजना बनाई थी, जिसमें संगत ने पूरे दिल से सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि बाबा बंदा सिंह बहादुर सिख कौम के पहले पातशाह हुए और उन्होंने जुल्म की जड़ों को उखाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उन्होंने कहा कि किसानों को जमीनों का मालिकाना हक देने की पहल बाबा बंदा सिंह बहादुर की ही देन है। उन्होंने कहा कि गुरु घर में और भी कई कार्य किए जाने हैं और अगर कोई किसी भी तरह से सहयोग करना चाहता है, तो उसका खुले दिल से स्वागत है।
उन्होंने कहा कि प्रबंधक कमेटी का यहां लाइब्रेरी और संगीत स्कूल बनाने का भी विचार है और इसके साथ ही एक निशुल्क डिस्पेंसरी भी बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में निशुल्क ट्यूशन सेंटर खोलने का भी विचार है।
