
नीना सैनी की जीवनी परवाज़-ए-नीनू का विमोचन किया गया
चंडीगढ़- पंजाबी राइटर्स एसोसिएशन, चंडीगढ़ द्वारा पंजाब कला भवन में आयोजित एक समारोह में प्रख्यात लेखिका डॉ. नीना सैनी की जीवनी "परवाज़-ए-नीनू" का लोकार्पण किया गया तथा इस पर जीवंत चर्चा हुई। प्रभजोत कौर जोत द्वारा लिखित इस जीवनी के विमोचन समारोह के अवसर पर अध्यक्षमंडल में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध गायक सूफी बलबीर, प्रसिद्ध लघु कथाकार एवं आलोचक जसवीर राणा, प्रसिद्ध लेखिका यतिंदर कौर माहल, डॉ. नीना सैनी, प्रभजोत कौर जोत, पंजाबी लेखक संघ के अध्यक्ष दीपक शर्मा चनारथल, महासचिव भूपिंदर सिंह मलिक, अजीत सिंह धनौता तथा उनके परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
चंडीगढ़- पंजाबी राइटर्स एसोसिएशन, चंडीगढ़ द्वारा पंजाब कला भवन में आयोजित एक समारोह में प्रख्यात लेखिका डॉ. नीना सैनी की जीवनी "परवाज़-ए-नीनू" का लोकार्पण किया गया तथा इस पर जीवंत चर्चा हुई। प्रभजोत कौर जोत द्वारा लिखित इस जीवनी के विमोचन समारोह के अवसर पर अध्यक्षमंडल में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध गायक सूफी बलबीर, प्रसिद्ध लघु कथाकार एवं आलोचक जसवीर राणा, प्रसिद्ध लेखिका यतिंदर कौर माहल, डॉ. नीना सैनी, प्रभजोत कौर जोत, पंजाबी लेखक संघ के अध्यक्ष दीपक शर्मा चनारथल, महासचिव भूपिंदर सिंह मलिक, अजीत सिंह धनौता तथा उनके परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
समारोह का उद्घाटन सुरजीत सिंह धीर ने सरस्वती वंदना से किया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए पंजाबी लेखक संघ के संरक्षक डॉ. अवतार सिंह पतंग ने इस जीवनी को मार्गदर्शन प्रदान करने में सक्षम बताया। मंच संचालन करते हुए पंजाबी लेखक संघ के महासचिव भूपिंदर सिंह मलिक ने कहा कि 'परवाज़-ए-नीनू' अनूठी यादों से भरा हुआ है।
पुस्तक के बारे में पुस्तिका पढ़ते हुए यतिंदर कौर महल ने इसे नीना सैनी के संघर्षपूर्ण जीवन का एक बहुमूल्य दस्तावेज बताया। जसवीर राणा ने कहा कि इस जीवनी का सार यह है कि यदि हिम्मत न हारें तो जीवन में सब कुछ संभव है। लेखिका प्रभजोत कौर जोत ने कहा कि रिश्तों को निभाने की कला नीना सैनी की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
पंजाबी लेखक संघ के अध्यक्ष दीपक शर्मा चनारथल ने कहा कि यह पुस्तक भावनात्मक रिश्तों का प्रतिनिधित्व करती है। सुरजीत सिंह धीर ने नीना सैनी की रचना भी गाई।
डॉ. नीना सैनी ने बताया कि आत्मपरीक्षण और समय की कमी के कारण ही उनकी यात्रा इस मुकाम तक पहुंची है। मुख्य अतिथि सूफी बलबीर ने कार्यक्रम को अद्वितीय बताते हुए अपने सुंदर गीतों के माध्यम से इसे और भी यादगार बना दिया। उन्होंने कहा कि प्रेम के ये धागे जीवन को आसान बनाते हैं। अध्यक्षमंडल के अलावा परिवार द्वारा कई अन्य साहित्यिक हस्तियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन अजीत सिंह धनोटा ने दिया।
इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली साहित्यिक हस्तियां मुख्य रूप से थीं
मलकीयत बसरा, राजिंदर कौर, हरभजन कौर ढिल्लों, परमजीत परम, जोतवीर कौर दंदीवाल, अनीता सैनी, लाभ सिंह लेहली, राज रानी, गुरजोध कौर, राजिंदर रेणु, चरणजीत कौर बाठ, बाबू राम दीवाना, प्यारा सिंह राही, राजविंदर सिंह गड्डू राज, प्रिं. बहादुर सिंह गोसल, सुखविंदर कलावाली, अनिल बहल, मंदर गिल, सुरिंदर कुमार, रतन बबकवाला, शबदीश, गुरदास सिंह दास, बेक्टर कथूरिया, कृतिका सिंह, हरजोत सिंह सैनी, दविंदर कौर ढिल्लों, नरिंदर कौर लोंगिया, दमन सैनी, कोमल सैनी, विनोद सैनी, रजनीश सूद, हरजीत सिंह, अंसार सिंह, परमजीत मान, करिश्मा वर्मा, गुरजीत कौर, मनप्रीत कौर, सुदेश कुमारी, सुरिंदर कौर, रितिंदर ढिल्लों, निनजीत धनौता, डॉ. हरबंस कौर गिल, डॉ. गुरदेव सिंह गिल, संतोष दुग्गल, गुरजीत कौर, हरलीन कौर, देशकरण सिंह, जसजीत सिंह, तिनजीत धनौता, नरेश राज, दर्शन औलाख, सुखविंदर सिंह सिद्धू, हरमिंदर कालरा, बलकार सिद्धू, बनिंदरजीत सिंह बानी, सौरव बग्गा, बलवंत सिंह, मधु शर्मा, डॉ. मनजीत सिंह बल, रितु वशिष्ट, रेणु बाला, रेखा रानी, सुभाष भास्कर, ओ.पी. वर्मा, जगतार सिंह जोग, जंग बहादुर गोयल, डॉ. नीलम गोयल, हरजिंदर कौर, जसकीरत सिंह, मनवीर कौर और अमित उल्लेखनीय नाम हैं।
