
जिला प्रशासन और किसानों के बीच समझौता, आंदोलन समाप्त, जेल भेजे गए किसान रिहा
मौड़ मंडी/बठिंडा- सीवरेज मुद्दे को लेकर नेताओं की आपसी बयानबाजी से जहां मौड़ की राजनीति गरमा गई है, वहीं गांव घासोखाना में सीवरेज पाइप लाइन बिछाने को लेकर चल रहा आंदोलन जिला प्रशासन और आंदोलनकारी किसानों के बीच समझौता होने के बाद समाप्त हो गया है।
मौड़ मंडी/बठिंडा- सीवरेज मुद्दे को लेकर नेताओं की आपसी बयानबाजी से जहां मौड़ की राजनीति गरमा गई है, वहीं गांव घासोखाना में सीवरेज पाइप लाइन बिछाने को लेकर चल रहा आंदोलन जिला प्रशासन और आंदोलनकारी किसानों के बीच समझौता होने के बाद समाप्त हो गया है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा कर दिया गया और भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेताओं ने अपना अनशन तोड़ दिया। प्रशासन ने किसानों के साथ हुए समझौते के तहत गांव क्षेत्र में सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का काम भी रुकवा दिया, जबकि बाकी क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने का काम लगातार जारी रहेगा।
गौरतलब है कि मौड़ मंडी के गंदे पानी की निकासी के लिए गांव घासोखाना से सीवरेज पाइप लाइन बिछाई जा रही है, जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों पर हो रहे उत्पीड़न के चलते भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर ने मोर्चा खोलकर विरोध जताया था, जिसके बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों और किसान नेताओं को गिरफ्तार कर अलग-अलग जिलों की जेलों में भेज दिया था।
इस बीच एसकेएम नॉन पॉलिटिकल के आह्वान पर संगठन ने जेल भरो आंदोलन शुरू करते हुए 126 किसानों को जेल भेज दिया। वहीं गिरफ्तार किसानों की रिहाई की मांग कर रहे पुलिस द्वारा लाए गए जिला प्रधान बलदेव सिंह संदोहा की अगुआई में आधा दर्जन किसानों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी।
किसानों द्वारा रोजाना की जा रही गिरफ्तारियों के चलते डीआईजी बठिंडा, डिप्टी कमिश्नर बठिंडा और जिला पुलिस प्रमुख बठिंडा ने उक्त मुद्दे पर किसान नेताओं के साथ लंबी बैठक की। जिसमें जिला प्रशासन ने गांव घासोखाना के एरिया में सीवरेज पाइप लाइन बिछाने के काम को रोकने, गिरफ्तार किए गए सभी किसानों और ग्रामीणों को रिहा करने और किसानों से अपना आंदोलन वापस लेने को कहा।
प्रशासनिक आश्वासन के बाद एडीसी, एसडीएम और एसपी सिटी की मौजूदगी में सिविल अस्पताल बठिंडा में दाखिल बलदेव सिंह संदोहा, लखविंदर सिंह लक्खी जंगल, हरभजन मेहता, नछत्तर सिंह घासोखाना, गुरमीत सिंह घासोखाना और हरबंस सिंह घासोखाना को संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मौके पर पहुंचकर जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया।
इस मौके पर जगजीत सिंह दल्लेवाल और काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि सीवरेज पाइप लाइन डालने के मामले में गांव घासोखाना के लोगों के साथ हो रहे अन्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी जा रही है।
किसानों के संघर्ष का नतीजा यह है कि प्रशासन ने इस बात पर सहमति जताई है कि हम गांव घासोखाना में काम बंद रखेंगे और जहां कोई बाधा नहीं होगी, वहां काम करेंगे। हम किसानों की दलीलों पर विचार करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि अगर प्रशासन अपने वादे से मुकरता है तो वे दोबारा आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होंगे।
