भवन का वास्तु सही हो तो भाग्य चमकेगा-डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री

5 मार्च होशियारपुर- जिस प्रकार पारस पत्थर के संपर्क में आने पर लोहा सोना बन जाता है, उसी प्रकार यदि हमारे भवन का वास्तु सही हो तो वहां रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा। सही वास्तु वाले घर में रहने वाला व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पूरी तरह सक्षम रहता है। वास्तु के सामान्य सिद्धांतों का पालन करके बनाया गया भवन आपको सोने की तरह चमकेगा और मूल्यवान बनाएगा। आप जो भी काम करेंगे, वह पूरा होगा। कठिनाई सरलता में बदल जाएगी।

5 मार्च होशियारपुर- जिस प्रकार पारस पत्थर के संपर्क में आने पर लोहा सोना बन जाता है, उसी प्रकार यदि हमारे भवन का वास्तु सही हो तो वहां रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा। सही वास्तु वाले घर में रहने वाला व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पूरी तरह सक्षम रहता है। वास्तु के सामान्य सिद्धांतों का पालन करके बनाया गया भवन आपको सोने की तरह चमकेगा और मूल्यवान बनाएगा। आप जो भी काम करेंगे, वह पूरा होगा। कठिनाई सरलता में बदल जाएगी।
भवन बनाते समय भूखंड के आकार, पंच तत्वों, आंतरिक वास्तु, बाह्य वास्तु, ब्रह्मा, वंश, रस्सी, मूसा, दिशा, भाग, द्वार, दहलीज, ढलान, पेड़-पौधों से लेकर रंगों तक सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए। इसके अलावा वास्तु पुरुष मंडल में स्थित पैंतालीस देवताओं और पंच तत्वों के गुणों का उचित समायोजन करना चाहिए। 
भूमि का ढलान ईशान कोण और उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण की ओर रखें। भूमिगत जल का स्त्रोत भी ईशान कोण में ही होना चाहिए। पूर्व दिशा को अधिक खाली, हल्का और अच्छी रोशनी वाला रखना चाहिए। दक्षिण दिशा को भारी और ऊंचा रखना चाहिए। अग्नि संबंधी गतिविधियां और खाना पकाने का स्थान आग्नेय कोण में होना चाहिए। 
पश्चिम दिशा को पूर्व की तुलना में कम खुला रखना चाहिए। मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार होना चाहिए और ध्यान रखें कि घर का मुख्य द्वार किसी भी कोने में नहीं होना चाहिए। यदि इन बातों को ध्यान में रखकर भवन का निर्माण किया जाए तो वहां रहने वाला हर व्यक्ति भाग्यशाली होता है। पारस पत्थर की तरह आप अपना भाग्य चमका सकते हैं।