
शहरी आयुष्मान आरोग्य केंद्र ने लोगों को नशे के प्रति जागरूक करने के लिए कनाल कालोनी में हेल्प डेस्क स्थापित किया
होशियारपुर 28 फरवरी- नशे के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा नशे से छुटकारा पाने के लिए जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के निर्देशानुसार आज जिला ड्रग डिटॉक्सिफिकेशन रिहैबिलिटेशन सोसायटी द्वारा शहरी आयुष्मान आरोग्य केंद्र कनाल कालोनी में हेल्प डेस्क स्थापित कर 88 से अधिक लोगों को नशे से स्वास्थ्य तथा समाज को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई।
होशियारपुर 28 फरवरी- नशे के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने तथा नशे से छुटकारा पाने के लिए जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के निर्देशानुसार आज जिला ड्रग डिटॉक्सिफिकेशन रिहैबिलिटेशन सोसायटी द्वारा शहरी आयुष्मान आरोग्य केंद्र कनाल कालोनी में हेल्प डेस्क स्थापित कर 88 से अधिक लोगों को नशे से स्वास्थ्य तथा समाज को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गई।
हेल्प डेस्क की स्थापना मेडिकल अधिकारी डॉ. रोहित ब्रूटा के नेतृत्व में की गई जिसमें डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. हरबंस कौर विशेष रूप से उपस्थित रहीं। इस दौरान बोलते हुए डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. हरबंस कौर ने कहा कि यह अभियान जिला नशा पुनर्वास सोसायटी होशियारपुर द्वारा 10 से 28 फरवरी 2025 तक विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर हेल्प डेस्क के माध्यम से काउंसलिंग और जागरूकता अभियान चलाकर चलाया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर नशे की लत के कारणों और इसके उपचार के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने लोगों को इस अभियान से जुड़ने का न्योता देते हुए कहा कि पंजाब की जवानी को बचाने के लिए आइए हम सब मिलकर एक अभियान चलाएं, पंजाब को नशा मुक्त बनाएं। इस अवसर पर पुनर्वास केंद्र की मेडिकल अफसर डॉ. महिमा मिन्हास ने उपस्थित लोगों को संदेश दिया कि नशे की बुराई को मिटाने के लिए हम सभी को हाथ मिलाना चाहिए और एक साथ हमला करना चाहिए।
मेडिकल अफसर डॉ. रोहित ब्रूटा ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से पंजाब के वारिसों, नौजवानों और युवाओं को बचाने का यह एक अच्छा प्रयास है, इस तरह हम पंजाब की जवानी को बचा सकते हैं। इस अवसर पर निशा रानी जिला प्रबंधक ने कहा कि जिला नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र होशियारपुर में नशे की लत का सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है|
मरीजों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है तथा उन्हें व्यावसायिक कौशल कार्यक्रम के तहत फूड क्राफ्ट, सैलून, कृषि व अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम करवाकर अपने पैरों पर खड़े होने के योग्य बनाया जाता है।
