अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की स्वर्ण जयंती पर तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन "श्री अग्र-भागवत कथा" 1, 2 व 3 मार्च 2025 को सिटी सेंटर, नजदीक सर्विस क्लब, होशियारपुर में होगा

होशियारपुर 28 फरवरी- अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन जो कि अग्रवाल सम्मेलन का सबसे पुराना व प्रतिष्ठित सामाजिक संगठन है, अपनी 50वीं स्वर्ण जयंती मनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर अग्रवाल सम्मेलन पंजाब प्रदेश इकाई व जिला होशियारपुर इकाई के सहयोग से "श्री अग्र-भागवत कथा" का भव्य आयोजन कर रहा है।

होशियारपुर 28 फरवरी- अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन जो कि अग्रवाल सम्मेलन का सबसे पुराना व प्रतिष्ठित सामाजिक संगठन है, अपनी 50वीं स्वर्ण जयंती मनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर अग्रवाल सम्मेलन पंजाब प्रदेश इकाई व जिला होशियारपुर इकाई के सहयोग से "श्री अग्र-भागवत कथा" का भव्य आयोजन कर रहा है।
यह तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन 1, 2 व 3 मार्च 2025 को सिटी सेंटर, नजदीक सर्विस क्लब, होशियारपुर में सायं 4:00 बजे से सायं 7:00 बजे तक होगा। इस कथा का वाचन प्रसिद्ध अग्र-भागवत कथावाचक पूज्य पंडित सचिन शास्त्री जी करेंगे। इस आयोजन में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग मुख्य अतिथि होंगे, जबकि प्रदेश अध्यक्ष सुरिंदर अग्रवाल कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा पंजाब की कई प्रमुख हस्तियां भी इस भव्य आयोजन में भाग लेंगी। 
इस आयोजन के दौरान महाराजा अग्रसेन जी की जीवनी को बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु उनकी महानता और उनके सिद्धांतों को समझ सकें। इसके साथ ही महाराजा अग्रसेन जी और अग्रवाल समाज से संबंधित एक विशेष स्टॉल भी लगाया जाएगा, जिस पर उनके जीवन और उनकी विरासत के बारे में जानकारी होगी। 
प्रतिदिन कथा के समापन के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित करने की भी व्यवस्था की गई है। द्वापर युग के अंत और कलियुग के आरंभ में 5,178 वर्ष पूर्व जन्मे महाराजा अग्रसेन जी ने समाज में धर्म, अहिंसा, समानता और मानवता के मूल्यों की स्थापना की। उनकी "एक ईंट, एक रुपया" परंपरा आत्मनिर्भरता का प्रतीक रही है।
 "महिला सशक्तिकरण, महिलाओं का सम्मान, किसान कल्याण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" तथा "यज्ञों में पशुबलि पर प्रतिबंध" जैसे उनके सिद्धांत आज भी समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
इस पावन कथा का मुख्य उद्देश्य महाराजा अग्रसेन जी के जीवन संदेश तथा उनके उच्च आदर्शों को हर वर्ग तक पहुंचाना है। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक एवं सामाजिक एकता का प्रतीक भी होगा।
इस पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुगण एवं समाजजन सादर आमंत्रित हैं।