
डीसी ने नशे की समस्या के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया
एसएएस नगर, 27 फरवरी: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने जिले में नशे की समस्या के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए काउंसलर और प्रेरकों की मदद ली जाएगी, जो नशे से दूर रह चुके हैं। जिला नशा मुक्ति एवं पुनर्वास सोसायटी, एसएएस नगर की समीक्षा बैठक लेते हुए उन्होंने जिले में चल रहे ओओएटी केंद्रों और नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के कामकाज की समीक्षा की।
एसएएस नगर, 27 फरवरी: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने जिले में नशे की समस्या के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों में सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए काउंसलर और प्रेरकों की मदद ली जाएगी, जो नशे से दूर रह चुके हैं। जिला नशा मुक्ति एवं पुनर्वास सोसायटी, एसएएस नगर की समीक्षा बैठक लेते हुए उन्होंने जिले में चल रहे ओओएटी केंद्रों और नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के कामकाज की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि निजी नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों का नियमित अंतराल पर निरीक्षण किया जाना चाहिए, ताकि कामकाज पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार इन ओ.ओ.ए.टी. केंद्रों, नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के कामकाज की जांच की जा रही है ताकि युवाओं को नशे की बुराई से बचाने के लिए और सुधार लाया जा सके।
डिप्टी कमिश्नर ने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों में दिए जाने वाले भोजन के खर्च में बढ़ोतरी को मंजूरी देते हुए जिला नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र, सेक्टर 66, मोहाली में कैंटीन स्थापित करने को भी मंजूरी दी। उन्होंने सभी सीनियर मेडिकल अफसरों, मनोचिकित्सकों और एनजीओ से फीडबैक लेते हुए उनके सुझावों को धैर्यपूर्वक नोट किया ताकि आने वाले दिनों में उन पर काम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हमें आउटपेशेंट ओपियोइड असिस्टेड ट्रीटमेंट में आने वाले मरीजों की संख्या का निरीक्षण करना चाहिए और उन केंद्रों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव करना चाहिए जहां सबसे कम मरीज आते हैं या जिनके पास कोई मरीज नहीं है, उन क्षेत्रों में जहां ओ.ओ.ए.टी. केंद्रों में मरीजों की अधिकता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वह ओ.ओ.ए.टी. केंद्रों के अलावा नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों का दौरा करेंगी ताकि कामकाज और बुनियादी ढांचे एवं अन्य सुधारों की जरूरत का पता लगाया जा सके। उन्होंने स्कूल और कॉलेज जाने वाले युवाओं को नशे की लत से सावधान करने के लिए निवारक उपाय के रूप में अधिकतम जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर सोनम चौधरी, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. परविंदरपाल कौर, सहायक सिविल डॉ. गिरीश डोगरा, जिला खेल अधिकारी रूपेश कुमार और सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के एसएमओ और मनोचिकित्सक भी बैठक में शामिल हुए और युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए विचार-विमर्श में हिस्सा लिया।
